मदरसों में सरकारी हस्तक्षेप स्वीकार नहींः मदनी

मदरसों में सरकारी हस्तक्षेप स्वीकार नहींः मदनी
  •  जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने आधुनिक शिक्षा को समाज की अच्छी सेवा के लिए आवश्यक बताते हुए कहा कि मदरसों में सरकारी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं है। इसलिए आधुनिक शिक्षा के लिए हमने अपना मार्ग चुना है।

देवबंद [24CN] : शनिवार को मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि अब मदरसों के विद्यार्थी सेकेंडरी स्तर पर आधुनिक शिक्षा से सुसज्जित होंगे। इसके लिए जमीयत ने उलमा-ए-दीन के वरिष्ठ जनों और मदरसों के प्रमुखों के मिले जुले प्रयासों से जमीयत ओपन स्कूल स्थापित किया है। जो मदरसा छात्रों को दसवीं की शिक्षा और परीक्षा दिलाएगा। मौलाना मदनी ने कहा कि हमारे महापुरुषों और बुजुर्गों ने सरकारी मदरसा बोर्ड का विरोध किया था और अब समय ने यह प्रमाणित कर दिया है कि उन्होंने जिन आशंकाओं को प्रकट किया था वह शब्द प्रति शब्द सही साबित हो रहे हैं।

उन्होंने इस संबंध में आसाम सरकार के वर्तमान आचरण को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। कहा कि हमें दीनी मदरसों में सरकारी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं है, हमने आज आधुनिक शिक्षा के लिए अपना रास्ता चुन लिया है। इससे हमारी आवश्यकता भी पूरी हो रही है और मदरसों के मामलों में थोड़ा सा भी हस्तक्षेप नहीं है। आज के बदलते वातावरण में हमें एक शिक्षाविद के साथ साथ एक अच्छा चिंतक और वक्ता की भी आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि हजारों मुस्लिम नौजवान विभिन्न इस्लामी शिक्षा केंद्रों से शिक्षा प्राप्त करते हैं। जहां वह परंपरागत इस्लामी शिक्षा में विशेष योग्यता भी प्राप्त करते हैं, लेकिन वर्तमान में वह सेक्यूलिरिज्म की शिक्षा से अनभिज्ञ या मुख्यधारा में शामिल शिक्षा से अपरिचित होने के कारण समाज में महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा पाते हैं। इसलिए जमीयत ओपन स्कूल के माध्यम से स्तरीय शिक्षा उपलब्ध की जाएगी। ताकि विद्यार्थी आधुनिक शिक्षा के मैदान में भी प्रगति कर सकें।

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