सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने दाखिल की ओबीसी आयोग की रिपोर्ट, चुनाव के लिए हरी झंडी का इंतजार

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की हिस्सेदारी तय करने के लिए गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट व सिफारिशें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी। सुप्रीम कोर्ट अब इस पर सुनवाई करेगा।
वहां से अनुमति मिलने के बाद प्रदेश सरकार नगर निगमों में मेयर व नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों में अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण के लिए तय प्रक्रिया में संशोधन करेगा। इसके बाद आरक्षण सूची जारी की जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि निकाय चुनाव की अधिसूचना अप्रैल में जारी करते हुए मई में चुनाव करा लिए जाएंगे।
दरअसल, प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट 31 मार्च तक तैयार करने का मौका दिया था। ओबीसी आयोग ने अपनी रिपोर्ट पहले ही तैयार करते हुए नौ मार्च को इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी थी।
ओबीसी आयोग की इस रिपोर्ट को पिछले दिनों कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। अब सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है। इस मामले की सुनवाई 11 अप्रैल को होनी है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने सुनवाई के लिए पहले की तारीख देने का अनुरोध भी किया है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करते हुए उनके लिए सीटें आरक्षित करने व चुनाव कराने की अनुमति मांगेंगी। वहां से अनुमति मिलने के बाद प्रदेश सरकार आयोग की सिफारिशों के आधार पर मेयर व अध्यक्ष की सीटों के लिए पिछड़ों को आरक्षण प्रदान करेगी। इसी आधार पर चुनाव कराए जाएंगे।