आईटीआई संचालकों की मांगे माने सरकार: अशोक मलिक

सहारनपुर [24CN] । आल इण्डिया प्राइवेट आईटीआई मैनेजमेंट एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय नई दिल्ली में एसो. के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा.अशोक मलिक के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्री से मिला तथा प्राइवेट आईटीआई संचालकों को कार्य संचालित करने में आ रही परेशानियों से अवगत कराया।
डा.अशोक मलिक ने बताया कि गत वर्ष 2018-20 के प्रथम वर्ष का परीक्षाफल डीजीईटी द्वारा परीक्षा के सात माह बाद घोषित किया गया, जिसके कारण प्रशिक्षार्थियो को उ.प्र. समाज कल्याण विभाग द्वारा शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति नहीं मिली जिसका करीब 150 करोड़ रूपया संस्थानों का सरकार पर देय है। लाॅकडाउन के बाद इस सत्र का भी डीजीईटी द्वारा प्रमोट करने के बाद भी परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया गया और पुनः उ.प्र. सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा छात्रों की छात्रवृत्ति व फीस प्रतिपूर्ति के आवेदनों को निरस्त कर दिया गया। इससे भी 100 करोड़ रूपया सरकार ने स्वयं रखकर संस्थानों व छात्रों को हानि पहुंचाने का कार्य किया है।
उन्होंने बताया कि एक आईटीआई की शिकायत के बाद जनपद सहारनपुर की छात्रवृत्ति व फीस प्रतिपूर्ति को रोका जाना न्यायोचित नहीं है, इससे करीब 4000 बच्चों का भविष्य अधंकार मय हुआ है और 7 करोड़ की बंदरबाट की गयी है।
श्री मलिक ने बताया कि इस प्रकार की कार्यशैली से संस्थान आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। सरकार आईटीआई को आईआईटी का दर्जा देने की बात कह रही है जो मुंगेरी लाल के सपने दिखाने का काम कर रही है। सरकार आॅनलाईन के सपने दिखाकर बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड करने का काम कर रही है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होने कहा कि सरकार उनकी मांगों के प्रति गंभीरता से ध्यान दे अन्यथा एसोसिएशन धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होगी। प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से चै.महेन्द्र सिंह, निर्मल कुलश्रेष्ठ, दयाशंकर यादव, संजय वर्मा, अरूण चैधरी, ओ.पी.आर्य, रविन्द्र तोमर,शुभम कश्यप आदि शामिल रहे।