जेएनयू छात्रों की बुनियादी मांग मानने को सहमत सरकार, यूजीसी भरेगा बढ़ी हुई फीस
मानव संसाधन विकास मंत्रालय जेएनयू छात्र संघ की बुनियादी मांग मानने को राजी हो गया है। साथ ही बढ़ी हुई फीस का वहन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) करेगा। मानव संसाधन मंत्रालय ने शुक्रवार को कुलपति, छात्र संघ के नेताओं और बाद में यूजीसी के साथ बैठक की।
एचआरडी मंत्रालय ने कहा कि फीस में संशोधन की मांग मान ली है। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि छात्र संघ के नेता उपयोगिता व सेवा शुल्क देने के लिए तैयार नहीं थे। जैसा पहले कहा जा चुका है कि इसका भुगतान यूजीसी द्वारा किया जाएगा। हालांकि छात्रों की अन्य मांगों पर मंत्रालय ने कोई भरोसा नहीं जताया है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भी जेएनयू में पांच जनवरी को हुई हिंसा पर दुख जताया था। इस संबंध में उन्होंने कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय इस तरह की हिंसा और अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेगा।
छात्र संघ के नेताओं के साथ बैठक के बाद मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने कहा, ‘जेएनयू छात्रों की बुनियादी मांग मानने को तैयार है। उनसे आंदोलन खत्म करने को कहा गया है। हमने आज सुबह वीसी और उनकी टीम के साथ मुलाकात की। इसके बाद हम छात्र संघ के नेताओं से मिले और हमने उन्हें बताया कि उन्हें उपयोगिता और सेवा शुल्क देने की जरूरत नहीं है। उन्हें सिर्फ बढ़े हुए कमरे का किराया देना होगा।’
अन्य मांगों पर अमित खरे ने कहा कि मांगें तो बहुत हो सकती हैं। एचआरडी मंत्रालय ने जेएनयू के पांच सदस्यीय दल से मिला था, जिसमें वीसी एम जगदीश कुमार, रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार और तीन रेक्टर्स शामिल थे।