नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी का सोमवार को बड़ा बयान सामने आया। उन्होंने आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के विपक्षी नेताओं के अनुरोध को ठुकरा दिया है। गोपालकृष्ण ने इसका कारण बताते हुए कहा कि चुनाव के लिए उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो राष्ट्रीय सहमति बनाए और विपक्षी एकता सुनिश्चित करे। उन्होंने अपने बयान में, विपक्ष के नेताओं द्वारा आगामी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी में उनके नाम के बारे में सोचने के लिए धन्यवाद दिया।
गोपालकृष्ण गांधी का बड़ा बयान-
- गांधी ने कहा- विपक्ष के नेताओं की भावनाओं का सम्मान करता हूं ।
- गोपालकृष्ण गांधी ने राष्ट्रपति चुनावों के लिए उनकी उम्मीदवारी के नाम पर विपक्ष के प्रस्ताव को अस्वीकार किया।
- गोपालकृष्ण ने कहा-उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो राष्ट्रीय सहमति बनाए और विपक्षी एकता सुनिश्चित करे।
अन्य लोग, मुझसे कहीं बेहतर करेंगे: गोपालकृष्ण गांधी
‘मैं उनका बहुत आभारी हूं। लेकिन इस मामले पर गहराई से विचार करने के बाद मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो विपक्षी एकता के अलावा राष्ट्रीय आम सहमति और राष्ट्रीय माहौल पैदा करे। मुझे लगता है कि ऐसे अन्य लोग होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर करेंगे।’ गांधी ने आगे कहा, ‘इसलिए मैंने नेताओं से ऐसे व्यक्ति को अवसर देने का अनुरोध किया है। भारत को ऐसा राष्ट्रपति मिले, जो राजाजी द्वारा अंतिम गवर्नर जनरल के रूप में दिया गया हो और जिसका उद्घाटन डा राजेंद्र प्रसाद ने हमारे पहले राष्ट्रपति के रूप में किया हो।’ आपको बता दें कि 77 वर्षीय गोपालकृष्ण गांधी ने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम किया था। वह महात्मा गांधी और सी राजगोपालाचारी के पोते हैं।