अध्याना के राजकीय महाविद्यालय बिजली का कनेक्शन तक नंही मिला ,छात्रो के बैठने के लिये फर्निचर भी उपलब्ध नही

अध्याना के राजकीय महाविद्यालय बिजली का कनेक्शन तक नंही मिला ,छात्रो के बैठने के लिये फर्निचर भी उपलब्ध नही
महाविद्यालय के केंपस मे खडे झाड झंकाड

नकुड 5 जुलाई इंद्रेश। अघ्याना मे नवनिर्मित डिग्री कालेज में छात्रो के पंजिकरण का काम तो शुरू हो गया हैं । पंरतु मूलभूत सुविधाओ के बिना विद्यालय मे कैसे पढाई होगी यह सवाल यक्ष प्रश्न बन गया है।

निवनिर्मित राजकीय डिग्री कालेज मे स्टाफ के आने से छात्रो की उम्मीद बढी थी कि अब उन्हे राजकीय विद्यालय मे पढने का मौका मिलेगा। पंरतु मौके की स्थिति पढाई के अनुकुल नहीं है। विद्यालय मे अभी तक मूलभूत सुविधाओ का अभाव है। यंहा पानी की टंकी बनायी गयी है पंरंतु अभी तक पीने का पानी उपलब्ध नहंी है। क्लास रूम मे छात्र छात्राओ के बैठने के लिये फर्निंचर नंही है। महाविद्यालय में क्लास रूम मे पंखे नहीं लगे है। बिजली का कनेक्शन अभी तक लगा ही नंही है।

बरसात का मौसम है। महाविद्यालय के पूरे कंेपस में झाडझंकाड खडे है। उनमे जहरीले जीव जंतु पनप रहे है। ऐसे मे बच्चो का केंपस के अदर जाना तक खतरे से खाली नंही है। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी आंख मूंद कर बैठे है। मूलभूत सूविधाओ के अभाव मे महाविद्यालय कैसे चलेगा इस यक्ष प्रश्न का जवाब किसी के पास नंही है।

शनिवार को ग्रामीणो ने इन महाविद्यालय की इन समस्याओ को लेकर जिलाधिकारी मनीष बंसल से संपूर्ण समाधान दिवस पर मिलकर समस्याओ का समाधान कराने की मांग की है। जिलाधिकारी ने उन्हे इन समस्याओ का समाधान कराने का आश्वासन भी दिया है। पंरतु विभाग की कछुआ चाल के चलते महाविद्यालय मे स्टाफ के आने मे ही एक वर्ष का समय लग गया है। अब मूलभूत सुविधाऐ कब तक मिलेगी कहना मुश्किल है।

उधर छात्र छात्राओ के समक्ष एक अन्य समस्या भी मुंह बाये खडी है। ग्रामीण बिते छः माह से राजकीय महाविद्यालय मे स्टाफ की तैनाती की मांग करते आ रहे थे। पंरतु पूरा जून बीतने के बाद भी स्टाफ न आने से परेशान छात्रो ने दुसरे निजी विद्यालयो मे पंजिकरण कराया है। अब वे इस विद्यालय मे आना तो चाहते है। पंरंतु विश्वविद्यालय मे दुबारा पंजिकरण कराने से पहले पूर्व के विद्यालय से पंजिकरण हटाना पडेगा । उधर विश्व विद्यालय की पंजिकरण की अंतिम तिथि भी जाने वाली है। ऐसे छा़त्र छात्राऐ क्या करे उनकी समझ मे नंही आ रहा है।


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