आज से फिर तहखाने की जांच, वीडियोग्राफी के साथ दस्तावेज भी हो रहे तैयार
वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम का सर्वे आज 16 अगस्त से फिर से शुरू हो रहा है। 15 अगस्त को सुरक्षा व्यवस्था के कारण, सर्वे को एक दिन के लिए रोक दिया गया था। इससे पहले सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सर्वे का काम सुबह 10:30 बजे के बाद शुरू किया गया था।
फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी के साथ दस्तावेज भी तैयार
ज्ञानवापी का सर्वे कर रही एएसआइ (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) टीम ने सोमवार और रविवार को परिसर के बाहरी हिस्से लेकर तहखाने तक की जांच की। प्रत्येक स्थान की कई बार जांच की जा रही है। अदालत के आदेश पर फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी कराने के साथ दस्तावेज भी तैयार कर रहे हैं। एएसआइ के विशेषज्ञ पांच दलों में बंटकर पूरे ज्ञानवापी परिसर की जांच की कर रहे हैं। टीम के प्रत्येक सदस्य की अपनी विशेषज्ञता है।
हर दल बारी-बारी जांच कर रहा
एक दल साक्ष्यों-सुबूतों को सूक्ष्मता से नापजोख रहा है। दूसरा दल उनकी ड्राइंग तैयार कर रहा है। तीसरा दल वहां पत्थरों व अन्य चीजों की आयु तय कर रहा है। चौथा दल मशीनों के जरिए उनकी विशेषताओं का पता लगा रहा है। पांचवा दल स्थानों को विशेषज्ञों की जांच के लिए तैयार कर रहा है। सर्वे के लिए परिसर को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया है और हर दल बारी-बारी से प्रत्येक स्थान की जांच कर रहा है। अपनी विशेषज्ञता के अनुसार रिपोर्ट बनाकर एक-दूसरे साथ साझा कर रहे हैं। इस तरह प्रत्येक स्थान की कई बार जांच हो जा रही है और कुछ भी सर्वे टीम की नजरों से चूक नहीं रहा है।
विश्व वैदिक सनातन संघ का खुला पत्र
ज्ञानवापी परिसर विवाद का हल न्यायालय से बाहर आपसी सहमति से करने के लिए विश्व वैदिक सनातन संघ ने खुला पत्र लिखा है। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों को संबोधित पत्र में बताया गया है कि ज्ञानवापी परिसर को लेकर मंदिर व मस्जिद पक्ष अपने को सही साबित करने के लिए न्यायालय में संवैधानिक लड़ाई लड़ रहे हैं। इसका लाभ कुछ असामाजिक तत्व उठाना चाहते हैं। ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है कि अपने देश और समाज की रक्षा का ध्यान रखते हुए इस विवाद का निस्तारण शांतिपूर्ण तरीके से आपसी बातचीत से निकालकर मिसाल कायम करें। इस बारे में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासिन का कहना है कि ऐसे किसी पत्र के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।