05 मई से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के लक्षणयुक्त व्यक्तियों की पहचान कर मेडिकल किट दी जायेेगी – जिला मजिस्ट्रेट

05 मई से ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के लक्षणयुक्त व्यक्तियों की पहचान कर मेडिकल किट दी जायेेगी – जिला मजिस्ट्रेट
District Magistrate
  • कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सभी कार्य सख्ती से बाधित रखे जाएं – अखिलेश सिंह
  • कफ्र्यू के दौरान बीज, खाद, कोटे की उचित दर की दुकान व गेहूँ क्रय केन्द्र खुले रहेंगे

सहारनपुर [24CN]।  जिला मजिस्ट्रेट श्री अखिलेश सिंह ने कहा कि जनपद में कोरोना कफ्र्यू 06 मई की प्रातः 07ः00 बजे तक लागू रखा जायेगा। उन्होने कहा कि इस दौरान सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों की उपस्थिति न हो और शेष 50 प्रतिशत भी सिफ्ट में कार्यालय बुलाये जाएं एवं यथासम्भव घर से ही कार्य करने की व्यवस्था लागू रहेगी। उन्होने कहा कि जनपद में लागू कोरोना कफ्र्यू के दौरान बीज व खाद की दुकान, कोटे की उचित दर की दुकान व गेहूँ क्रय केन्द्र भी कोविड प्रोटोकाॅल के अनुपालन करते हुए खुले रहेंगे।

श्री अखिलेश ने इस आशय के आदेश जारी किये। जारी आदेशों के अनुसार उन्होने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन यह सुनिश्चि कराएं कि उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम के माध्यम से प्रदेश के बाहर कोई भी बस न भेजी जाये जिससे कि संक्रमण पर प्रभावी कार्यवाही की जा सकें। बसों में सोशल डिस्टेसिंग का पालन हो व सेनेटाइजर का प्रयोग एवं मास्क का प्रयोग अनिवार्य कर दिया जायें।

उन्होने निदेशक मण्डी प्रशासन, औषधि निरीक्षक, उपायुक्त उद्योग, उप श्रमायुक्त एवं संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि आवश्यक दवा, सर्जिकल की दुकान खुली रहेंगी एवं थोक विक्रेताओं के संस्थान भी कोविड प्रोटोकाॅल के अनुपालन सुनिश्चित करते हुए खुले रहेंगे। केवल दैनिक उपयोग की दुकानें जैसे सब्जी, फल, दूध, किराना इत्यादि की दुकानों को छोडकर शेष दुकानें बन्द रहेंगी। सब्जी मण्डी, फल मण्डी में भी सोशल डिस्टेसिंग का पालन व मास्क, ग्लब्स व सेनेटाइजर के उपयोग की अनिवार्यता सुनिश्चित करायी जाए।

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि 05 मई 2021 से ग्रामों में कोरोना के लक्षणयुक्त व्यक्तियों की पहचान एवं लाइन लिस्टिंग का कार्य किया जायेगा एवं कोविड की दवाई (मेडिकल किट) भी वितरित की जायेगी। लक्षणयुक्त व्यक्तियों की पहचान के पश्चात उनकी टेस्टिंग की जायेगी। इस हेतु अपर जिलाधिकारी प्रशासन, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी प्रतिदिन की गई कार्यवाही की संकलित सूचना प्रस्तुत करेंगे। उन्होने कहा कि पब्लिक एडेªस सिस्टम का व्यापक प्रयोग कर कोरोना से बचाव के प्रति जागरूकता के संदेश प्रसारित करने की कृत कार्यवाही से मुख्य विकास अधिकारी प्रतिदिन अवगत कराएंगे। उन्होने कहा कि पुलिस व मजिस्ट्रेटगण द्वारा प्रभावी प्रवर्तन की कार्यवाही करते हुए कृत कार्यवाही से प्रतिदिन अवगत कराया जाये तथा यह भी सुनिश्चत किया जाए कि हाई रिस्क कैटेगरी यथा 60 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं एक से अधिक बीमारी से ग्रस्त अर्थात कम इम्यूनिटी के लोग बाहर न जायें।

उन्होने सामान्य जन से अपील की है कि अनावश्यक बाहर न निकलें एवं यदि निकलें तो मास्क अनिवार्य रूप से पहनकर ही निकलें। उन्होने कहा कि टीकाकरण का अभियान जनपद में यथावत चलता रहेगा परन्तु सोशल डिस्टेसिंग व दो गज की दूरी व मास्क की अनिवार्यता टीकाकरण के समय आवश्यक होगी। निगरानी समितियों के माध्यम से ग्राम पंचायतों में क्वारन्टाइन सेन्टर की स्थापना की जाय एवं जो भी व्यक्ति ग्राम के बाहर से आ रहे है, यदि होम क्वारन्टाईन की घर में जगह नहीं है तो क्वारन्टाइन सेन्टर में रखा जाए। इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी प्रतिदिन की कार्यवाही से अवगत कराना सुनिश्चित करेंगे।

श्री अखिलेश सिंह ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित कराएंगे कि कन्टेनमेंट जोन में आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सभी कार्य सख्ती से बाधित रखे जाएं तथा कन्टेनमेंट जोन में आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति संबंधी कार्यवाही जिला पूर्ति अधिकारी सुनिश्चित करायेंगे। उन्होने कहा कि प्रत्येक शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में फाॅगिंग व सेनेटाइजेशन प्रतिदिन किया जाए। इस हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य विकास अधिकारी एवं नगर निगम क्षेत्र में नगर  आयुक्त एवं नगर पालिका व नगर पंचायत क्षेत्रों में प्रभारी अधिकारी नगर निकाय द्वारा इस कार्य का नेतृत्व प्रदान कर पर्यवेक्षण करते हुए प्रतिदिन की कृत कार्यवाही की सूचना प्रस्तुत करेंगे।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी नोडल अधिकारियों से प्रतिदिन समन्वय करते हुए कार्ययोजना तैयार कर सेनेटाइजेशन की प्रभावी कार्यवाही करेंगे।
लाॅकडाउन के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम-2005 की धारा-51 से 60 तथा भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 में दिए गए प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी। प्रवर्तन का उत्तरदायित्व पुलिस विभाग, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अथवा उनके द्वारा प्राधिकृत अधिकारी की होगी जिसमें कि परिवाद योजित करना अथवा अन्य विधिक प्रक्रिया भी शामिल है।