Four Year Term of CM Yogi Adityanath: संकल्प पथ पर चुनौतियों से जूझते-जीतते चले CM योगी आदित्यनाथ

Four Year Term of CM Yogi Adityanath: संकल्प पथ पर चुनौतियों से जूझते-जीतते चले CM योगी आदित्यनाथ

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में चार वर्ष पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के विकास को एक संकल्प माना था। इस संकल्प पथ पर वह आने वाली हर चुनौतियों से जूझने के साथ ही जीत दर्ज करते रहे। इनमें वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल भी है।

सीएम योगी आदित्यनाथ लोक भवन में अपने चार वर्ष के कार्यकाल की उपलब्धि पर प्रकाश डालेंगे। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म पर पंच लाइन के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तथा डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा भी सरकार के काम को गिनाएंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ दोनों डिप्टी सीएम लखनऊ में छह दिन तक प्रदेश सरकार की उपलब्धि को गिनाएंगे। इसके साथ ही सरकार के मंत्री तथा विधायक व सांसद जिलों में भाजपा सरकार के चार वर्ष के काम को लोगों को बीच में रखेंगे। सरकार का प्रयास अब अगले एक वर्ष में ग्रास रूट लेवल तक जाने का है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद की 19 मार्च 2017 को दिन में दो बजकर 20 मिनट पर शपथ लेने वाले योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार को बखूबी चलाया। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक समय तक काम करने वाल भाजपा के मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड बनाने वाले योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को अपनी सरकार के कामकाज के चार वर्ष का रिकॉर्ड पेश करने के साथ ही सरकार के कामकाज की प्रदर्शनी का शुभारंभ करेंगे।

सरकार के मुखिया के तौर पर चार वर्ष पूरे कर चुके योगी आदित्यनाथ यह उपलब्धि हासिल करने वाले भाजपा के पहले मुख्यमंत्री हैं। जितनी अप्रत्याशित उनकी ताजपोशी रही, मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी कार्यशैली उतनी ही दृढ़ संकल्पित रही। चुनौतियों से सतत जूझते-जीतते रहे योगी के खाते में आज कई उपलब्धियां हैं। 19 मार्च यानी शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की चार वर्ष की उपलब्धियां गिनाएंगे। इसके साथ ही प्रदेश भर में छह दिन के जश्न की शुरुआत भी होगी।

आज से 24 तक चलेंगे कार्यक्रम: प्रदेश मुख्यालय पर शुक्रवार सुबह 11 बजे से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रेसवार्ता कर चार वर्ष की उपलब्धियां बताएंगे। इस पर बनी फिल्म प्रदर्शित की जाएगी। एक गीत और प्रदेशस्तरीय विकास पुस्तिका के विमोचन के साथ विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनी आयोजित होगी। इस कार्यक्रम का प्रदेश भर में प्रसारण होगा। इसके तुरंत बाद जिला मुख्यालयों पर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनी, जिलास्तरीय विकास पुस्तिका का विमोचन, योजनाओं के कुछ लाभार्थियों को धनराशि, प्रमाणपत्र, गोल्डन कार्ड, दिव्यांगों को ट्राई साइकिल, उपकरण आदि का वितरण होगा। इसी तरह विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कार्यक्रम सिलसिलेवार ढंग से 24 मार्च तक चलेंगे। इसी तरह भाजपा संगठन ने भी आठ दिवसीय कार्यक्रम बनाया है। पहले दिन जिलों के प्रभारी मंत्री वहां सरकार की उपलब्धियां गिनाएंगे।

2018 में यूपी इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन: राजधानी में फरवरी, 2018 में यूपी इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन कराकर सूबे को निवेश के आकर्षक गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठित कराने की उनकी मुहिम की सराहना खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। निवेश परियोजनाओं को तत्परता से जमीन पर उतारने में भी उन्होंने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। सूबे में डिफेंस कॉरिडोर को शोकेस करने के लिए राजधानी में डिफेंस एक्सपो के सफल आयोजन की जमीन तैयार की। भ्रष्टाचार और गुंडाराज के खिलाफ नो टॉलरेंस की नीति को तो उन्होंने धार दी ही, उनके नेतृत्व और प्रशासनिक कौशल की असल परीक्षा कोरोना आपदा के दौरान हुई। कोरोना संक्रमण से निपटने के चाक-चौबंद इंतजाम कर उन्होंने सबसे बड़ी आबादी वाले सूबे को इस वैश्विक महामारी से सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

योगी आदित्यनाथ से पहले भाजपा के तीन मुख्यमंत्री: योगी आदित्यनाथ से पहले प्रदेश ने भाजपा के तीन मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल देखा है। इनमें कल्याण सिंह को दो बार, जबकि राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह को एक-एक बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला। दोनों कार्यकाल मिलाकर कल्याण सिंह लगभग तीन साल सात महीने मुख्यमंत्री रहे। राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह का के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल इससे भी कम रहे। मुख्यमंत्री के रूप में संकल्प पथ पर योगी का सफर चुनौतियों से भरा रहा। चुनौतियों को उन्होंने स्वीकार किया और उनसे कुशलतापूर्वक निपटे भी। चाहे वह सत्ता संभालने के कुछ ही महीनों बाद गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने से नवजात शिशुओं की मौतों से हुआ वितंडा रहा हो या गोरखपुर और बस्ती मंडलों के जिलों को जापानी इंसेफेलाइटिस की घातक बीमारी से निजात दिलाने के उनके गंभीर प्रयास।

कौन कब रहा भाजपा का मुख्यमंत्री

-योगी आदित्यनाथ : 19 मार्च, 2017 से अब तक।

-कल्याण सिंह : 24 जून, 1991 से छह दिसंबर, 1992

21 सितंबर, 1997 से 11 नवंबर, 1999।

-राम प्रकाश गुप्ता : 12 नवंबर, 1999 से 28 अक्टूबर, 2000।

-राजनाथ सिंह : 28 अक्टूबर, 2000 से सात मार्च, 2002।


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