नारद स्टिंग मामले में ममता बनर्जी के दो मंत्री सहित चार हेवीवेट नेताओं को मिली अंतरिम जमानत

नारद स्टिंग मामले में ममता बनर्जी के दो मंत्री सहित चार हेवीवेट नेताओं को मिली अंतरिम जमानत
  • कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले में किसी भी नेता को साक्षात्कार नहीं देने का निर्देश दिया आरोपित नेताओं को देना होगा दो लाख रुपये का निजी बॉन्ड नारद स्टिंग कांड में सीबीआइ ने बंगाल सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों एक विधायक और कोलकाता के एक पूर्व मेयर को किया था गिरफ्तार

कोलकाता। नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार दो मंत्री, एक विधायक तथा एक पूर्व विधायक को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम जमानत देने का निर्देश दिया है। इन नेताओं को दो लाख रुपये के निजी बॉन्ड देने का निर्देश दिया है। फिलहाल ये नेता हाउस अरेस्ट में हैं। आज कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच सदस्यीय वृहत पीठ ने सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया है। निर्देश में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में किसी भी नेता को साक्षात्कार नहीं देने का निर्देश दिया है। गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट की पांच न्यायाधीशों की वृहत खंडपीठ ने सुनवाई को 28 मई तक के लिए टाल दिया था। वहीं, दूसरी ओर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पक्षकार बनाने की अनुमति दे दी थी।

17 मई को सीबीआई ने किया था गिरफ्तार

नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में 17 मई को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने ममता बनर्जी सरकार में मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को सीबीआई को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपनी अपील वापस लेने की अनुमति दे दी थी। इसमें टीएमसी के तीन नेताओं सहित चार नेताओं को मामले में घर में ही नजरबंद रखने की अनुमति दी थी।

21 मई को हाईकोर्ट ने हाउस अरेस्ट का दिया था निर्देश

कोर्ट ने 21 मई को बंगाल के दो मंत्रियों, एक विधायक और कोलकाता के पूर्व महापौर को जेल से हटाकर उनके घरों में ही नजरबंद करने के आदेश दिए थे। हाई कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 24 मई को मामले में सुनवाई की और मामले में सुनवाई स्थगित करने के सीबीआइ के आग्रह को से मानने इनकार कर दिया था।