मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद आज होगा विधानसभा सत्र, चर्चा से पहले चार उग्रवादी गिरफ्तार

मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद आज पहली बार विधानसभा सत्र का आयोजन किया जाएगा। यह सत्र एकदिवसीय होगा। इस साल आखिरी बार फरवरी-मार्च के दौरान बजट सत्र के लिए विधानसभा बुलाई गई थी। बाद में तीन मई को हुई हिंसा के कारण मानसून सत्र को आगे बढ़ा दिया गया था। विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह ने कहा कि एकदिवसीय सत्र में राज्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की जाएगी।
नई दिल्ली : हिंसाग्रस्त मणिपुर में आज विधानसभा सत्र का आयोजन किया गया है। राज्य में हिंसा भड़कने के बाद यह पहला सत्र होगा। इस सत्र में राज्य में जारी हिंसा पर चर्चा हो सकती है। इससे पहले, इम्फाल-पूर्व और बिष्णुर जिलों से तलाशी अभियान के दौरान छह हथियार, पांच गोला बारूद और दो विस्फोटक बरामद किए गए थे। इसके साथ ही चार उग्रवादियों को भी गिरफ्तार किया गया था।
मणिपुर विधानसभा सत्र को लेकर 10 बड़ी बातें
- मणिपुर विधानसभा इस साल आखिरी बार फरवरी-मार्च के दौरान बजट सत्र के लिए बुलाई गई थी। बाद में, तीन मई को हुई हिंसा के कारण मानसून सत्र को आगे बढ़ा दिया गया था।
- मणिपुर के विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत सिंह ने कहा कि एकदिवसीय सत्र में राज्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की जाएगी।
- कुकी-जोमी आदिवासी निकायों ने एक दिवसीय विधानसभा सत्र को अस्वीकार कर दिया। इस समुदाय के 10 विधायक सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे। विधायकों का कहना है कि उनके लिए मैतेई बहुल इम्फाल घाटी की यात्रा करना असुरक्षित होगा, जहां विधानसभा स्थित है। हालांकि, नगा विधायकों के सत्र में शामिल होने की संभावना है।
- कुकी जोमी समाज ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से विधानसभा सत्र स्थगित करने का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार ने इससे इनकार कर दिया।
- मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस एक दिवसीय सत्र में मौजूदा जातीय संकट पर कुछ प्रस्ताव अपनाए जाने की संभावना है। हालांकि, आदिवासी निकायों ने संकल्प लिया है कि कुकी क्षेत्रों में विधानसभा द्वारा अपनाया गया कोई भी प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं होगा। कांग्रेस ने भी आरोप लगाया है कि यह एक दिवसीय सत्र लोगों के हित में नहीं है।
- दरअसल, मैतेई समुदाय और विपक्षी दलों ने विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की थी। संविधान के अनुच्छेद 174 के अनुसार, विधानसभा सत्र अपनी अंतिम बैठक से छह महीने के भीतर बुलाया जाना चाहिए।
- सरकार ने पिछले महीने 21 अगस्त तक सत्र बुलाने की सिफारिश की थी, लेकिन राजभवन से मंजूरी नहीं मिली। इसके बाद इसे संशोधित कर 28 अगस्त कर दिया गया। हालांकि, पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री कार्यालय ने घोषणा की कि विधानसभा के सत्र का आयोजन 29 अगस्त को किया जाएगा।
- दो दिन पहले राजधानी इंफाल में भीड़ ने तीन खाली पड़े घरों में आग लगा दी थी। इसके अलावा, रविवार सुबह इंफाल पश्चिम जिले में कुछ लोगों ने सुरक्षाकर्मियों के हथियार छीन लिए।
- केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने 28 अगस्त को कहा कि मणिपुर में स्थिति अब नियंत्रण में है।
तीन मई को भड़की हिंसा
दरअसल, मणिपुर में तीन मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ऑफ मणिपुर की एक रैली के बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें 170 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग विस्थापित हो गए।