ऑर्बिटर के बगैर जाएगा चंद्रयान-3, गगनयान मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन
धरती के एकमात्र उपग्रह चंद्रमा के लिए देश के तीसरे मिशन चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण इस साल नहीं होगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) प्रमुख के. सिवन ने बुधवार को बताया कि इस महत्वाकांक्षी यान को भेजने में 14-16 महीने का वक्त लग सकता है। इसका आशय हुआ कि इसे अगले साल 2021 में ही चांद पर भेजा सकेगा। इस परियोजना पर हालांकि काम पहले से चल रहा है।
भारत इससे पहले चांद के लिए दो मिशन पूरे कर चुका है। सिवन ने बताया कि चंद्रयान-3 के लिए सरकार की मंजूरी भी मिल गई है। गौरतलब है कि मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने चंद्रयान-3 के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि इसे इसी साल 2020 में रवाना किया जाएगा। सिवन ने यहां पत्रकारों को संगठन के बीते साल की उपलब्धियों के बारे में बताया और अगले साल का खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि 2020 में 25 मिशनों को पूरा किया जाएगा।
साल 2019 में इसरो की रणनीति विस्तार कार्यक्रमों की थी। इसरो ने नए स्पेसपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया गया है और यह पोर्ट तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले के थुटुकुडी में बनाया जाएगा। श्रीहरिकोटा के अलावा यह ऐसा दूसरा केंद्र होगा। इसरो प्रमुख ने बताया ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान यानी पीएसएलवी के निर्माण का काम निजी हाथों में सौंपे जाने की योजना है।