चौ. चरणसिंह के जन्मदिन पर विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया जाना राजनीति से प्रेरित

सहारनपुर [24CN]। राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष राव केसर ने कहा कि किसानों के मसीहा व पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरणसिंह की जयंती पर सहारनपुर में प्रस्तावित राजकीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री द्वारा किए जाने का निर्णय राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने राजकीय विश्वविद्यालय का नाम चौ. चरणसिंह की पत्नी गायत्री देवी के नाम पर रखे जाने की मांग की। राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष राव केसर ने यहां जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगामी 23 दिसम्बर को सहारनपुर के प्रस्तावित दौरे में पुवांरका गांव में चौ. चरणसिंह के जन्मदिन पर राजकीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास करना राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के मसीहा चौ. चरणसिंह के जन्मदिन पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विश्वविद्यालय का शिलान्यास करना देश के किसान आंदोलन को प्रभावित करने व किसानों को लुभाने का एक षडयंत्र है। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा को लगभग सात वर्ष व प्रदेश में चार वर्ष हो गए हैं। इससे पहले कभी भी चौ. चरणसिंह की जयंती पर सरकार द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र व प्रदेश के चुनाव में अपने घोषणापत्र में किसानों से जो वायदे किए थे, वह हवाहवाई साबित हुए हैं। धरातल पर एक भी वायदा पूरा नहीं हुआ। चाहे किसान की कर्ज माफी का मामला हो अथवा उनकी आय दोगुनी करने की बात हो। भाजपा सरकारों ने सदैव किसानों की उपेक्षा की है।

उन्होंने कहा कि लखनऊ में चौ. चरणसिंह एयरपोर्ट को बेचने और उनके नाम के साथ अडानी का नाम जुड़ जाना चौ. चरणसिंह की आत्मा व किसानों का अपमान है क्योंकि चौ. चरणसिंह कहा करते थे कि जिस दिन अखबार वाले मेरी तारीफ करनी सीख दें तो समझ लेना मैं पूंजीपतियों के हाथ बिक गया हूं। चौ. चरणसिंह के नाम के साथ पूंजीपतियों का नाम जोडऩा किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने पुवांरका गांव में विश्वविद्यालय की स्थापना को भी राजनीति से प्रेरित एवं समाज विशेष को लाभ पहुंचाने वाला बताते हुए कहा कि यदि विश्वविद्यालय की स्थापना घाड़ क्षेत्र में की जाती तो गरीब छात्रों को इसका अधिक लाभ पहुंचता है क्योंकि घाड़ क्षेत्र सदा विकास से अछूता रहा है तथा घाड़ क्षेत्र में सर्वाधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे को किसानों के साथ धोखा बताया।