पंजाब की राजनीति के हिसाब इसे बेहद महत्वपूर्ण घटना बताया जा रहा है। कैप्टन अमरिंदर कल दिल्ली गए थे। तब से ही संभावना जताई जा रही थी कि वह अमित शाह सहित कई अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मुलाकात करेंगे। हालांकि तब कैप्टन के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने इसे  कयासबाजी करार दिया था। रवीन ठुकराल ने कहा था कि वह दिल्ली स्थित कपूरथला हाउस को खाली करने के लिए दिल्ली गए हैं। जब आज शाह व कैप्टन की मुलाकात के बारे में ठुकराल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।

वहीं, पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू के प्रधान पद से इस्तीफा देने के बाद राज्य में राजनीति गरमाई हुई है। चर्चाओं का बाजार गर्म है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह किसान आंदोलन को खत्म कराने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। कैप्टन की इससे पहले भी मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात होती रही, लेकिन सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है।

दरअसल, कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिस तरीके से कांग्रेस ने सीएम पद से हटाया उससे वह आहत थे। बताया जा रहा है कैप्टन अमरिंदर सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। उन्हें कृषि मंत्री बनाकर किसानों का मुद्दा हल करने के लिए कहा जा सकता है। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि कैप्टन कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। यदि कैप्टन भाजपा में शामिल होते हैं तो पंजाब में पार्टी को बड़ा चेहरा मिल जाएगा।

कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन चल रहा है। इससे पंजाब में भाजपा के लिए विधानसभा चुनावों में स्थिति विकट बनी हुई है। ऐसे में यदि कैप्टन भाजपा का चेहरा बनते हैं और किसानों के आंदोलन को सम्मानजनक तरीके से खत्म करवाते हैं तो  पार्टी पंजाब में बड़ा हाथ मार सकती है। कैप्टन अमरिंदर की छवि का फायदा भाजपा को पड़ोसी राज्यों हिमाचल व हरियाणा में भी मिल सकता है।