पुण्यतिथि पर विशेष: किसान-मजदूरों के सच्चे हितैषी थे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह

मसीहा को किसानों से बिछड़े हुए 33 साल बीत गए। किसान और मजदूर हितों के लिए किए गए कार्य आज भी लोगों के दिल में हैं। परेशान किसान और सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हुए मजदूर कहते हैं कि अगर उनके मसीहा चौधरी चरण सिंह होते तो आज यह दिन देखने को नहीं मिलते। वह किसान और गरीब की चिंता करने वाले थे।

किसानों की आवाज उठाने वाले हमदर्द थे 
छपरौली के पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह कहते हैं कि उन जैसा व्यक्तित्व राजनीति में फिर नहीं आया। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बाद दिल्ली में किसानों की आवाज उठाने वाला हमदर्द नहीं रहा। उनके ऊपर किसान आंख बंद कर भरोसा कर लेते थे। बड़े चौधरी ने भी किसानों को कभी निराश नहीं किया। पूर्व विधायक महक सिंह कहते हैं कि किसान हितों के लिए उन्होंने बड़े कदम उठाए। अर्थशास्त्र का उनसे बड़ा जानकार कोई नहीं रहा। वह देश के सबसे गरीब आदमी को ध्यान में रखकर राजनीति करते रहे और उसकी चिंता करते रहे।
एक मुलाकात में बड़े चौधरी का होकर रह गया
रालोद जिलाध्यक्ष सुखबीर सिंह गठीना पुरानी यादों को सुनाते हुए कहते हैं कि पहली बार जब में वर्ष 1979-80 में उनसे मिलने दिल्ली गया, तब उन्होंने पूछा था कोई काम बताओ। मैंने कहा कि सिर्फ मिलने आया हूं। बड़े चौधरी ने कहा कि था मिलना भी बड़ा काम है। जीवन में इमानदारी, किसान और गरीब की सच्ची सेवा की सीख वह हर कार्यकर्ता को देते थे।

किसान मजदूरों के सच्चे हितैषी थे चौधरी साहब
रालोद कार्यकर्ताओं की बैठक बृहस्पतिवार को सिरसली में हुई। वक्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को किसान मजदूरों का सच्चा हितैषी बताया। इस दौरान सरकार से चौधरी साहब को भारत रत्न देने की मांग की गई। जिला महासचिव राजू तोमर, श्रीपाल धामा, योग पाल तोमर, देवेंद्र, भोपाल सिंह, पप्पू, सचिन, प्रवीण वालिया, जयवीर मास्टर, राजपाल, जयपाल, कृष्णपाल, वेदपाल, जसवीर, अंकित रहे।


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