पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने फूंका बड़े आंदोलन का बिगुल, कहा-“गुलामी से बेहतर है जेल की अंधेरी कोठरी”

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने फूंका बड़े आंदोलन का बिगुल, कहा-“गुलामी से बेहतर है जेल की अंधेरी कोठरी”

स्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेल से बड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने फिर एक बार मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ बगावत का बड़ा बिगुल फूंक दिया है। इरमान ने कहा है कि उनके लिए जेल की अंधेरी कोठरी गुलामी स्वीकार करने से बेहतर है। उन्होंने कहा कि वह सरकार की गुलामी स्वीकार नहीं करेंगे, बल्कि  जेल की अंधेरी कोठरी में रहना पसंद करेंगे।

6 जुलाई को फूंका विद्रोह का बिगुल

इमरान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से 6 जुलाई को आशूरा के बाद देश की मौजूदा सत्ता के खिलाफ विरोध और विद्रोह करने की अपील की है। मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’पर खान ने लिखा, “मैं पूरे देश से, खासकर PTI कार्यकर्ताओं और समर्थकों से आग्रह करता हूं कि वे आशूरा के बाद इस दमनकारी शासन के खिलाफ खड़े हों। मैं गुलामी स्वीकार करने की बजाय जेल की एक अंधेरी कोठरी में रहना पसंद करूंगा।”

क्यों और कब से जेल में हैं इमरान

इमरान खान दो वर्षों से जेल में बंद हैं। उनका कहना है कि उनकी आवाज़ को दबाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर कटाक्ष करते हुए कहा, “जब कोई तानाशाह सत्ता में आता है, तो उसे लोगों के वोटों की ज़रूरत नहीं होती। वह क्रूर ताकत के सहारे शासन करता है। भ्रष्टाचार के एक मामले में इमरान की गिरफ्तारी के बाद ” 9 मई 2023 को इस्लामाबाद में हुए पीटीआई के आंदोलन में लोगों ने कई सरकारी इमारतों और सेना के प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया था। इसके बाद इमरान खान पर कई और मुकदमे लाद दिए गए।

मुनीर के साथ कोर्ट भी निशाने पर

जनरल मुनीर के साथ ही इमरान ने पाकिस्तान की न्यायपालिका को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि अदालतें आज कार्यपालिका का उपविभाग बन चुकी हैं। न्यायालयों में स्वतंत्र विचार रखने वाले जजों को शक्तिहीन कर दिया गया है और केवल चहेते न्यायाधीशों को आगे बढ़ाया जा रहा है। “ऐसा केवल मार्शल लॉ के अधीन होता है।” इस बयान ने पाकिस्तान में राजनीतिक हलकों में एक बार फिर हलचल मचा दी है, खासकर ऐसे समय में जब मोहर्रम का महीना धार्मिक संवेदनशीलता और शांति की अपीलों के लिए जाना जाता है।


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