पूर्व विधायक इमरान मसूद ने समर्थकों के साथ कांग्रेस में की घर वापसी

- सहारनपुर में पूर्व विधायक इमरान मसूद के कांग्रेस में शामिल होने पर उनका स्वागत करते पदाधिकारी।
सहारनपुर। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को करिश्माई नेता बताकर कांग्रेस को अलविदा कहने वाले मुजफ्फराबाद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक इमरान मसूद ने समाजवादी से होते हुए बसपा में शामिल होकर निष्कासन के बाद आज दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के. सी. वेणुगोपाल के समक्ष अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की। पूर्व विधायक इमरान मसूद के कांग्रेस में शामिल होने के बाद एक ओर जहां उनके समर्थकों में खुशी की लहर है।
वहीं राजनीतिक क्षेत्रों में पूर्व विधायक इमरान मसूद के कांग्रेस में शामिल होने को उनका अपनी कयादत बचाने के लिए मजबूरी में उठाया हुआ कदम माना जा रहा है। गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री व देश के उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ चुके दिग्गज राजनीतिज्ञ काजी रशीद मसूद के भतीजे इमरान मसूद ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत जनता दल से की थी। सदैव गैरकांग्रेसी दलों की राजनीति करने वाले पूर्व विधायक इमरान मसूद ने 2012 में समाजवादी पार्टी से टिकट न मिलने की आशंका के चलते 2014 के ऐन मौके पर कांग्रेस का दामन थाम लिया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बोटी-बोटी करने का बयान देकर सुर्खियों में आए पूर्व विधायक इमरान मसूद को जेल जाना पड़ा था। 2007 के विधानसभा चुनाव में मुजफ्फराबाद विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तत्कालीन उद्योग मंत्री जगदीश राणा को धूल चटाकर अपना दबदबा बनाने में कामयाब रहे इमरान मसूद को पूर्व मंत्री काजी रशीद मसूद का उत्तराधिकारी माना जाने लगा था पंरतु परिवार में आपसी फूट के चलते पूर्व विधायक इमरान मसूद को 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव के साथ 2012 व 2017 के विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था।
2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा की लहर के मद्देनजर पूर्व विधायक इमरान मसूद ने कांग्रेस हाईकमान को सपा के साथ गठबंधन करने का सुझाव दिया था परंतु कांग्रेस हाईकमान ने उनकी राय को तवज्जो नहीं दी थी जिस कारण इमरान मसूद ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को करिश्माई नेता बताते हुए सपा की साइकिल की सवारी कर ली थी परंतु 2022 के विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायक इमरान मसूद अपने किसी भी समर्थक को सपा का टिकट दिलाना तो दूर स्वयं भी टिकट हासिल नहीं कर पाए थे। इसके बाद उन्होंने दलित-मुस्लिम समीकरण का राग अलापते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती को अपना नेता मानते हुए बसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। इसके बाद मायावती ने उन्हें बसपा का पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 23 जिलों का संयोजक बना दिया था।
साथ ही उनकी पत्नी सायमा मसूद को भी सहारनपुर नगर निगम के मेयर पद का प्रत्याशी घोषित किया था परंतु सहारनपुर नगर निगम का पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित होने के चलते इमरान मसूद ने मजबूरी में अपने चेचेरे भाई शाजान मसूद की पत्नी व समधिन श्रीमती शदीजा मसूद को बसपा के सिम्बल पर चुनाव मैदान में उतारा था परंतु हार का सामना करना पड़ा था। बसपा में अपना दलित मुस्लिम समीकरण सिरे न चढ़ते देख पूर्व विधायक इमरान मसूद ने पुन: भारत जोड़ो यात्रा को लेकर राहुल गांधी की प्रशंसा करनी शुरू कर दी थी जिसके परिणामस्वरूप बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए उन्हें बसपा से निष्कासित कर दिया था।
बसपा से निष्कासित होने के बाद इमरान मसूद कांग्रेस के साथ-साथ सपा में भी अपना भविष्य तलाश रहे थे। इसी बीच उन्हें कांग्रेस हाईकमान से सम्पर्क साधने के बाद उन्हें हरी झंडी मिल गई थी जिसके चलते उन्होंने आज दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के. सी. वेणुगोपाल के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। पूर्व विधायक इमरान मसूद के कांग्रेस में शामिल होने के दौरान गांधी परिवार की मौजूदगी न होना राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं क्योंकि कांग्रेस छोडऩे से पूर्व इमरान मसूद की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के दरबार में सीधी एंट्री थी।
माना जा रहा है कि पूर्व विधायक इमरान मसूद को प्रियंका गांधी ने कांग्रेस में शामिल होने को हरी झंडी दे दी हो परंतु कहीं न कहीं उनके मन में इमरान मसूद को लेकर तलखी है। अब देखना यह है कि घर वापसी करने के बाद इमरान मसूद कांग्रेस में पुन: अपना पुराना वजूद व रूतबा कायम करने में कामयाब होते हैं या नहीं?