यूपी: भूख हड़ताल में तब्दील हुआ किसानों का धरना, पांच हुए बीमार, हाल जानने पहुंचे पूर्व मंत्री

यूपी: भूख हड़ताल में तब्दील हुआ किसानों का धरना, पांच हुए बीमार, हाल जानने पहुंचे पूर्व मंत्री

बिजनौर में गांव कोपा, धुराड़ा और मंधौरा में पहले की तरह से गन्ना खरीद सेंटर लगाकर तौल कराने की मांग को लेकर पांच दिन से चल रहा बेमियादी धरना शनिवार को भूखहड़ताल में बदल गया। आंदोलन के चलते शनिवार को पांच किसान ठंड लगने से बीमार हो गए। आरोप है कि शासन और प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि उनकी सुध नहीं ले रहा है। धरने के पांचवें दिन प्रदेश के पूर्व सपा राज्यमंत्री मूलचंद चौहान किसानों के बीच पहुंचे और उनका समर्थन किया।

अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के कार्यकर्ता अपनी मांग को लेकर तहसील कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं। धरने में तीन गांवों के किसान शामिल हैं। धरने के पांचवें दिन किसानों के बीच पहुंचे प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री मूलचंद चौहान ने कहा कि वह उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दुगुना करने का दावा पूरी तरह से खोखला हो रहा है। जिले की चीनी मिलों को चालू हुए 26 दिन बीत गए हैं, पर अभी तक सरकार ने गन्ने का रेट तय नहीं किया है। जब रेट ही तय नहीं हुआ तो भुगतान कब होगा, किसी को पता नहीं है। कहा कि वह भी किसानों की समस्या का निदान कराने के लिए कई बार चीनी मिल के अधिकारियों से मिले। डीएम से फोन पर वार्ता कर निदान कराने की मांग की, पर दोनों ने भरोसा देने के बाद अभी तक कुछ नहीं किया। भाजपा राज में झूठा प्रदर्शन करने वालों की अधिकता है।

वहीं किसान नेता सुभाषचंद्र ने कहा कि शासन और प्रशासन का काम किसानों को सुविधा देने का होता है। साथ ही उन्होंने बताया कि लोनिवि की ओर से बना मार्ग जब खो नदी में आई बाढ़ में बह गया है तो किसानों ने अपने स्तर से ही वैकल्पिक मार्ग तैयार किया। अब चीनी मिल से गांवों में सेंटर लगा कर तौल कराने का आग्रह किया जा रहा है तो इस मांग को भी मिल के अधिकारियों व प्रशासन ने ठुकरा दिया है। मिल के अधिकारियों ने साफ कह दिया है कि इन गांवों से गन्ना आपूर्ति करने को उनके पास ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था नहीं है। इस व्यवस्था को भी किसानों ने जैसे तैसे कर लिया तो मिल अभी भी राजी नहीं है।


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