कांग्रेस के पूर्व विधायक पंडित जयनारायण शर्मा का हृदयाघात से निधन, शहर में शोक की लहर

कांग्रेस के पूर्व विधायक पंडित जय नारायण शर्मा का रविवार रात को हृदयाघात से निधन हो गया। पूर्व विधायक की मृत्यु की खबर से पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई।

बता दें कि बागपत जनपद के गांव बामनोली निवासी पंडित जयनारायण शर्मा ने राजनीति में पहला कदम मेरठ कॉलेज से छात्र नेता के रूप में रखा। बताया गया कि पंडित जयनारायण शर्मा राज्यपाल सत्यपाल मलिक के भी सीनियर छात्र नेता थे। 1984 में कांग्रेस ने मेरठ शहर विधानसभा सीट से उनको पंजे के निशान पर विधायक का चुनाव लड़ाया था। उन्होंने मंजूर अहमद को चुनाव हराकर यह सीट जीती थी। विधानसभा में पहुंचकर उन्होंने मेरठ के विभिन्न मामलों को प्राथमिकता से उठाया था।
इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें 1989 में भी विधानसभा का टिकट दिया। लेकिन वह हार गए थे। उन्होंने राजनीति से कदम पीछे नहीं खींचे और इसके बाद मेयर का चुनाव भी लड़ा। हालांकि जीत हासिल नहीं हो पाई। पंडित जयनारायण शर्मा विधायक होने से ही चर्चा में नहीं रहे हैं बल्कि प्रतिवर्ष जिमखाना में आयोजित होने वाले होली मिलन कार्यक्रम के दौरान महामूर्ख की उपाधि भी उन्हीं को मिलती रही है। जिसको मेरठ में सभी धर्म के लोग याद करते रहते हैं। पंडित जयनारायण शर्मा मेरठ में कांग्रेस के पिलर कहे जाते थे।

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अवनीश समेत अन्य नेताओं का कहना है कि पंडित जी कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता में ऊर्जा भरते रहते थे। अब उनके जाने के बाद कांग्रेस को ही नहीं बल्कि मेरठ की क्रांतिकारी धारा को भी भारी क्षति पहुंची है। पंडित जी अपने पीछे सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य सुनीता शर्मा पत्नी, बेटी सूचिता शर्मा, बेटी मनीषा गौड़, बेटा मनुज शर्मा को छोड़कर गए हैं।

वहीं पूर्व विधायक की मृत्यु की सूचना पर पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। सोमवार को दिन निकलते ही कांग्रेस नेता और अन्य राजनीतिक दलों के लोग भी बुढ़ाना गेट स्थित उनके आवास पर पहुंच गए। सूरजकुंड श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।


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