अखिलेश की संगम में ‘डुबकी’ पर गरमाई सियासत, पूर्व मुख्यमंत्री बोले- उपचुनाव की वजह से सपा प्रमुख गए महाकुंभ

उन्होंने आह्वान किया कि मिल्कीपुर में भाजपा को जीत दिला कर यह सीट प्रभु राम के चरणों में अर्पित करें। विपक्ष तुष्टीकरण का प्रणेता है। हिंदू त्योहारों में पत्थरबाजी होती थी। संभल में सपा के लोग पत्थरबाजों से मिलने गये थे। उनसे सहानुभूति जताते हैं।
कुंभ में डुबकी के बाद अखिलेश कर सकते हैं रामलला का दर्शन
समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी की हिंदुत्व की पिच पर खेलने का मन बना लिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगाने के बाद पार्टी की पुण्य की कामना अयोध्या में भगवान रामलला के दर्शन कराने तक पहुंच गई है। पार्टी के अंदरखाने चुनावी प्रबंधन से जुड़ी कोर कमेटी ऐसा चाहती है। पार्टी में अन्य किसी नेता को इसकी भनक तक नहीं है।यही वजह है कि इसकी पुष्टि तो दूर नाम तक कोर कमेटी के नेता लेने को तैयार नहीं। पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों पर विश्वास करें तो रामलला का दर्शन कराने की तैयारी तीन फरवरी को इनायतनगर में होने वाली उनकी जनसभा से पहले की है। राष्ट्रीय अध्यक्ष से मंत्रणा शुरू है। प्रस्ताव पर अंतिम मोहर अखिलेश को ही लगानी है। उनकी सहमति के बाद पार्टी इसे अंतिम रूप देगी। पार्टी में उच्चस्तर पर यह खिचड़ी पकायी जा रही है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट का चुनाव प्रचार फाइल राउंड में पंहुच गया है।
गुरुवार को सांसद डिंपल यादव के रोड शो के बाद चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तीन फरवरी को इनायतनगर के पांच नंबर ट़यूबवेल पर अखिलेश यादव की जनसभा है। चुनावी प्रबंधन से जुड़े नेता की मानें तो यह भाजपा के रामलला के दर्शन को लेकर उन्हें घेरने का जवाब होगा। पार्टी का भी मानना है कि अगर ऐसा हुआ तो भाजपा के हिंदुत्व कार्ड की धार को कुंद किया जा सकेगा। दरअसल, सपा व भाजपा दोनों ने उप चुनाव को अखिलेश बनाम योगी बना दिया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष को रामलला के दर्शन का प्रस्ताव भेजा गया है। पार्टी इसे उप चुनाव के लिए तुरुप का पत्ता मान रही है। दरअसल, भाजपा मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उप चुनाव हरहाल में जीत कर वह देश भर में संदेश देना चाहती है कि अयोध्या उसी की है। 2024 के लोकसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद की जीत ‘एक्सीडेंटल’ है। अयोध्या उसी की पहले भी थी और आगे भी रहेगी।