‘पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने खिड़की खोली’, संभल और अजमेर दरगाह मामले में कांग्रेस और क्या-क्या बोली?
संसद में मुद्दा उठाएगी कांग्रेस
जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने शुक्रवार को अपनी सीडब्ल्यूसी बैठक में पूजा स्थल अधिनियम- 1991 के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई है। यही हमारी स्थिति है। हम इस मुद्दे को उठाएंगे। मगर इसके लिए सबसे जरूरी है कि संसद को काम करने दिया जाना चाहिए।
‘भाजपा कर रही उल्लंघन’
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कहा गया कि, “पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम- 1991 का भाजपा खुलेआम उल्लंघन कर रही है। सीडब्ल्यूसी ने चार विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद कांग्रेस के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। कांग्रेस कार्यसमिति का यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश के संभल में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के कुछ दिनों बाद आया है। संभल हिंसा में चार लोगों की जान गई है।
अजमेर दरगाह पर भी दावा
क्या है पूजा स्थल (विशेष अधिनियम) 1991?
यह अधिनियम 15 अगस्त 1947 तक मौजूद धार्मिक स्थलों में बदलाव को रोकता है। 20 मई 2022 को शीर्ष अदालत ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद की सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणी की और कहा कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम के तहत पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र का पता लगाना प्रतिबंधित नहीं है।
हमे बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही: रमेश
संसद स्थगित होने पर जयराम रमेश ने कहा कि ताला सरकार ने लगाया है। पिछले पूरे हफ्ते और आज सदन को सुबह 11 बजे के बाद कुछ ही मिनटों में स्थगित कर दिया गया। सरकार नहीं चाहती कि सदन चले। विपक्ष ने अडाणी, संभल, अजमेर, मणिपुर और कई अन्य मुद्दों पर नोटिस दिए हैं। हम इन मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं। मगर हमें बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है।