बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की याचिका खारिज, गुरुग्राम की महिला ने दर्ज कराई थी रिपोर्ट
हरियाणा के गुरु ग्राम निवासी एक महिला द्वारा पूर्व एमएलसी हाजी मोहम्मद इकबाल के खिलाफ मिर्जापुर थाना में दर्ज कराई गई मार-पीट, करोड़ों रुपए पैसे हड़पने की रिपोर्ट के मामले में हाई कोर्ट में दर्ज की गई हाजी इकबाल की याचिका को न्यायधीश ने खारिज कर दिया है।
लगभग 4 माह पूर्व किरन मनचंदा पत्नी स्वर्गीयनील मनचंदा निवासी सेक्टर 65 गुरुग्राम (हरियाणा) ने मिर्जापुर थाने में वाहिद, रविंद्र, मोहम्मद इकबाल और चार अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अमानत में खयानत, बंधक बनाने, लूट, गाली गलौज और धमकी के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसमें किरन मनचंदा ने आरोप लगाया था कि उनके पति सुनील मनचंदा की फर्म को जनवरी 2013 में द ग्लोकल यूनिवर्सिटी से निर्माण कार्य के संबंध में परचेज ऑर्डर मिला था
इसके बाद 14 फरवरी 2013 को माल डलवाया और कार्य शुरू करा दिया। इसके लिए 20 लाख रुपये एडवांस मिले थे। ववर्क आर्डर 5,61,99,261 रुपये का था। कार्य करने के दौरान ही उन्हें 53,10,000 रुपये और मिले। 30 मार्च तक कार्य किया, जिसके बाबत 5,45,18,550 रुपये का बिल बना, जबकि उन्हें कुल भुगतान 73 लाख 10 हजार रुपये का मिला।
इसके बाद मिन्नत करने पर सुनील मनचंदा घर भेजा गया, लेकिन दहशत और बाजार की देनदारी की वजह से उनकी तबीयत खराब रहने लगी। 2016 में सुनील मनचंदा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
आरोप है कि तब मोहम्मद इकबाल ने गाली गलौज की और धक्का देकर गिरा गिया, जिससे उनके कपड़े भी फट गए। उन्हें बेइज्जत करके भगा दिया। इसके बाद अगस्त 2017 में उनके पति की मृत्यु हो गई। किरन मनचंदा की तहरीर पर 27 जुलाई 2019 को मिर्जापुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
इस एफ आई आर के खिलाफ हाजी इकबाल ने हाईकोर्ट में अपील दायर की और इस एफआईआर को खारिज करने की मांग की। जिसकी सुनवाई शुक्रवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया।