क्षमा है आत्मा का गुण: ज्ञेय सागर

- सहारनपुर में जैन समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम का दृश्य।
सहारनपुर [24CN]। आचार्य श्री ज्ञेय सागर महाराज ने कहा कि क्षमा आत्मा का गुण है। वीर पुरूष ही पूर्ण से सक्षम होने पर भी अपराधी को दंड देने के स्थान पर क्षमा करके अपने वर्तमान जन्म के साथ-साथ भावी पर्यायों को भी पवित्र पावन कर अपना कल्याण कर लेते हैं। आचार्य श्री ज्ञेय सागर महाराज आज यहां जैन बाग स्थित जैन मंदिर में निर्माणाधीन जैन धर्मशाला के भव्य हॉल में आयोजित क्षमा वाणी महापर्व में श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व में केवल जैन दर्शन में ही मन, वचन व कर्म द्वारा जाने-अनजाने में किसी भी व्यक्ति के प्रति किए गए व्यवहार जिससे किसी को पीड़ा हुई हो के प्रति क्षमा मांगने का प्रावधान है।
वास्तव में क्रोध एक हिंसा है। जैन धर्म अहिंसा प्रधान धर्म है। इसलिए जैन धर्म के अनुयायी क्षमावाणी पर्व को उल्लास के साथ मनाकर अपने हृदय को सभी के प्रति निर्मल एवं स्वच्छ करते हैं ताकि किसी के प्रति कोई प्रतिकार एवं प्रतिशोध की भावना न रहे। सहारनपुर परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने क्षमावाणी पर्व को जाति धर्म की सीमाओं से बाहर मानवता के व्यापक हित में विशाल स्तर पर मनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम को पूर्व विधायक सुरेंद्र कपिल, पूर्व विधायक वीरेंद्र ठाकुर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेंद्र तनेजा, पूर्व राज्यमंत्री सरफराज खान, पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, भाजपा महानगर अध्यक्ष राकेश जैन, जैन समाज के अध्यक्ष राजेश जैन ने भी सम्बोधित किया तथा जीवन में बदलाव लाने के लिए क्षमा के गुण को धारण करने की आवश्यकता पर बल दिया। इससे पूर्व वरिष्ठ पत्रकार जगेंद्र उज्जवल, नीना जैन, डा. नीलू राणा, समाजसेवी सुषमा बजाज को शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में नीना जैन, सुषमा बजाज, डा. नीलू राणा, चौ. अनुज जैन, संदीप जैन, विनय जैन, आयुष जैन राजा, सोनिया जैन, मनीषा जैन, शोभा जैन, रेणु जैन, शशि जैन समेत जैन समाज के सैंकड़ों महिला पुरूष मौजूद रहे।