राहुल के सवाल पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर- गलवान में निहत्थे नहीं थे हमारे सैनिक लेकिन समझौतों के तहत गोली नहीं चलाई

नई दिल्ली
पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के सामने भारतीय सैनिकों को निहत्थे भेजे जाने को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के सवाल पर विदेश मंत्री ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने राहुल के सैनिकों को निहत्थे भेजे जाने की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सैनिक पोस्ट छोड़ते ही हथियारों से लैस हो जाते हैं। गलवान घाटी में भी एक भी भारतीय सैनिक निहत्था नहीं था। हर सैनिक के पास हथियार थे, लेकिन समझौतों के मुताबिक वहां हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाना था और नहीं किया गया।
राहुल गांधी के एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लिखा, ‘हमें तथ्यों को ठीक से समझ लेना चाहिए। बॉर्डर ड्यूटी पर लगे सभी सैनिक हमेशा हथियार के साथ होते हैं, खासकर पोस्ट से निकलते वक्त। 15 जून को गलवान में ड्यूटी पर तैनात सैनिकों के पास भी हथियार थे।’ जयशंकर ने चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प के वक्त हथियारों का उपयोग नहीं किए जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने लिखा, ‘गतिरोध के वक्त हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने की लंबी परंपरा (19966 और 2005 समझौतों के तहत) रही है।’
राहुल गांधी ने ट्वीट कर सवाल किया है कि चीन ने हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या की हिम्मत कैसे की? उन्होंने आगे लिखा, ‘हमारे सैनिकों को शहादत के लिए निहत्था क्यों भेजा गया?’ ध्यान रहे कि इन दोनों सवालों में राहुल ने ‘निहत्थे’ शब्द पर खास जोर दिया है।