बेथेस्डा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) की कोलोनोस्कोपी के दौरान शुक्रवार को अमेरिकी सत्ता की बागडोर कुछ समय के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice president Kamala Harris) के पास रही क्योंकि इस दौरान बाइडन एनेस्थीसिया के प्रभाव में थे। अमेरिका के 250 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार था जब देश की सत्ता किसी महिला के हाथ में थी।
डाक्टरों के अनुसार, राष्ट्रपति बाइडन पूरी तरह स्वस्थ और अपने काम के लिए भी फिट हैं। हालांकि डाक्टर ने उनकी बढ़ती उम्र को लेकर चिंता जताई है।
85 मिनट के लिए हैरिस के हाथ में थी अमेरिका की सत्ता
व्हाइट हाउस ने बताया कि बाइडन ने अमेरिकी समयानुसार सुबह 10.10 बजे दायित्वों का हस्तांतरण किया और 11.35 बजे सत्ता का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। राष्ट्रपति की कोलोनोस्कोपी वाशिंगटन के बाहर स्थित वाल्टर रीड मिलिट्री हास्पिटल में की गई। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जेन साकी ने बताया कि कोलोनोस्कोपी के बाद राष्ट्रपति ने हैरिस और व्हाइट आफ के चीफ आफ स्टाफ रोन क्लैन से बातचीत की और वह अच्छे मूड में थे। बाइडन के अस्पताल में रहने के दौरान उपराष्ट्रपति ने अपने वेस्ट विंग स्थित कार्यालय से काम किया।
बता दें कि इससे पहले भी राष्ट्रपति की शक्तियां उपराष्ट्रपति को स्थानांतरित की गई हैं जब वर्ष 2002 और 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू. बुश ने कोलोनोस्कोपी कराई थी। कोलोनोस्कोपी में एक ट्यूब डालकर बड़ी आंत की जांच की जाती है। अमेरिका में यह रूटीन प्रोसेस है कि राष्ट्रपति के ऐसे मेडिकल हालातों से गुजरने पर, उपराष्ट्रपति को प्रेसिडेंशियल पावर सौंप दी जाती हैं। अमेरिकी संविधान के 25वें संशोधन के सेक्शन-3 के तहत प्रेसिडेंशियल पावर ट्रांसफर का अधिकार दिया गया है। अमेरिकी संसद की हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स और सीनेट के प्रेसिडेंट प्रो टेंपोर को राष्ट्रपति पत्र लिखकर उपराष्ट्रपति को कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर तैनात करने की घोषणा करने को कह सकते हैं।
20 नवंबर को बाइडन मनाएंगे अपना जन्मदिन
अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर बाइडन पद संभालने वाले देश की इतिहास के सबसे उम्रदराज व्यक्ति हैं। शनिवार, 20 नवंबर को बाइडन अपना 79वां जन्मदिन मनाएंगे। इससे पहले भी कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बनकर कई ‘फर्स्ट’ अपने नाम कर चुकी हैं। वह अमेरिका की पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई मूल की उपराष्ट्रपति बनी थीं।