धार्मिक स्थलों पर कोविड-19 के नियमों का पालन सुनिशिचत करें – जिला मजिस्ट्रेट

धार्मिक स्थलों पर कोविड-19 के नियमों का पालन सुनिशिचत करें – जिला मजिस्ट्रेट
Mr. Akhilesh Singh
  • एक समय में पांच से अधिक व्यक्तियों का प्रवेश नहीं

सहारनपुर [24CN] । जिला मजिस्ट्रेट से अखिलेश सिंह ने सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक स्थलों और धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु रहित करने के लिए एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाए एवं इन्फ्रारेड-थर्मामीटर की भी व्यवस्था यथासम्भव की जाए। उन्होंने कहा कि जिन व्यक्तियों में कोई लक्षण प्रदर्शित नही होगा केवल उन्हें ही परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी। सभी प्रवेश करने वाले व्यक्तियों को फेस कवर अथवा मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। कोविड-19 महामारी के संबंध में रोकथाम संबंधी उपायों के रूप में जन-जागरूकता के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु परिसर में पोस्टर अथवा स्टैन्डीज का प्रयोग प्रमुखता से करना होगा।

श्री अखिलेश सिंह ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो आने वाले व्यक्तियों को विभिन्न समूहों में विभाजित करते हुए परिसर में प्रवेश करने की व्यवस्था की जाए जिससे कि अनावश्यक भीड-भाड न हो और संक्रमण का प्रसार न होने पाए। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में प्रवेश के लिए प्रयास हो कि एक स्थान पर एक समय में पांच से अधिक व्यक्ति एकत्रित न हो। जूते, चप्पलों को अपने वाहन इत्यादि में ही उतार कर रखना होगा। यदि आवश्यक हो तो इन्हे प्रत्येक परिवार अथवा व्यक्ति द्वारा स्वयं ही अलग-अलग खांचों अथवा ब्लाक में रखना होगा। परिसरों के बाहर पार्किंग स्थलों पर भीड प्रबन्धन करते समय सोशल-डिस्टेसिंग का कडाई से अनुपालन करना होगा। पब्लिक एडेªस सिस्टम अथवा माइक से सभी व्यक्तियांे, आगन्तुकों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के बारे में लगातार जागरूक किया जाए। परिसर के बाहर स्थित किसी भी प्रकार की दुकानों, स्टाॅल, कैफेटेरिया इत्यादि पर भी पूरे समय सोशल-डिस्टेसिंग के मानकों का कडाई से अनुपालन करना होगा। सोशल-डिस्टेसिंग को सुनिश्चित करने हेतु परिसरों में व्यक्तियों के लाइन में खडे होने के लिए स्पष्ट दृश्य निशान अंकित कर दिए जाएं।
जिला मजिस्ट्रेट ने यह भी निर्देश दिए कि प्रवेश एवं निकास की यथासम्भव अलग-अलग व्यवस्था की जाए।

लाइनों में सभी व्यक्ति एक-दूसरे से कम से कम 06 फिट की शारीरिक दूरी पर रहेंगे। बैठने के स्थानों को भी सोशल-डिस्टेसिंग के अनुसार व्यवस्थित किया जाए। वेन्टिलेशन/एयर-कंडीशनरों आदि के साधनों के प्रयोग के समय तापमान 24-30 डिग्री के मध्य होना चाहिए। आद्रता की सीमा 40 से 70 प्रतिशत के मध्य होनी चाहिए। क्राॅस-वैन्टिलेशन का प्रबन्धन इस प्रकार से होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा ताजी हवा अन्दर आ सके। प्रतिरूप, मूर्तियों, पवित्र ग्रन्थों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। सभी प्रकार की सभाएं निषिद्ध रहेंगी। संक्रमण फैलने के खतरे के दृष्टिगत रिकार्ड किए हुए भक्ति-संगीत गाने बजाये जा सकते है किन्तु समूह में इकट्ठे होकर गायन की अनुमति नहीं होगी। प्रार्थना-सभाओं के लिए एक ही मैट अथवा दरी के प्रयोग से बचा जाए।
श्री अखिलेश सिंह ने कहा कि श्रद्धालुओं को अपने लिए अलग मैट, चादर अथवा दरी लानी होगी जिसे वह अपने साथ वापस भी ले जा सकते हों। धर्म स्थल के अन्दर किसी प्रकार के प्रसाद वितरण अथवा पवित्र जल के छिडकाव आदि की अनुमति नहीं होगी। एक-दूसरे को बधाई देते समय शारीरिक सम्पर्क से बचना होगा। श्रद्धालु एवं पूजा कराने वाले समेत कोई भी किसी को किसी रूप मंे स्पर्श न करें। लंगर, सामुदायिक रसोई, अन्न दान आदि हेतु भोजन तैयार अथवा वितरित करते समय शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करना होगा। परिसर के भीतर शौचालयों, हाथ पैर धोने के स्थानों पर स्वच्छता हेतु विशेष उपाय करने होंगे। प्रबन्धन द्वारा धार्मिक स्थलों की लगातार सफाई और कीटाणु रहित करने के उपाय करने होंगे। परिसर के फर्श को विशेष रूप से कई बार साफ करना होगां। आगन्तुक अपने फेस कवर, मास्क, ग्लब्स आदि को सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोडेंगे। यदि कहीं कोई ऐसी सामग्री रहती है तो उचित निपटान सुनिश्चित करना होगा।

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि परिसर के अन्दर बीमार व्यक्ति को ऐसे स्थान पर रखा जाए जिससे कि वह अन्य व्यक्तियों से बिल्कुल अलग हो जाए। डाॅक्टर द्वारा उसकी जांच, परीक्षण होने तक उसे मास्क अथवा फेस कवर दिया जाए। तुरन्त निकटतम अस्पताल, क्लीनिक अथवा जिला स्वास्थ्य हेल्पलाइन नम्बर 18001805145 को सूचित किया जाए। नामित स्वास्थ्य प्राधिकारी द्वारा मरीज और उसके सम्पर्कों आदि के सम्बन्ध में संक्रमण के जोखिम का मूल्यांकन किया जाएगा तदनुसार कार्यवाही की जाएगी। यदि व्यक्ति पाॅजिटिव पाया जाए तो परिसर को पूर्ण रूप से कीटाणु रहित किया जाए।