PFI के टारगेट पर थे पांच RSS नेता, केंद्र ने दी Y कैटेगरी की सुरक्षा
- केंद्र और राज्यों के अधिकारियों ने बताया कि प्रतिबंधित पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) ने कथित रूप से हाई कोर्ट के जजों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ कई और लोग भी शामिल थे। पीएफआइ पर केंद्र सरकार ने अगले 5 सालों के लिए बैन लगा दिया है।
नई दिल्ली। पॉपुलर डेमाक्रेटिक फ्रंट (PFI) से केरल के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) नेताओं की सुरक्षा के मद्देनजर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सूत्रों के मुताबिक, केरल के 5 आरएसएस नेताओं को केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा दी गई है। हाल ही में गिरफ्तार किए गए कुछ पीएफआई नेताओं से पूछताछ में ये बात सामने आई है कि उनके निशाने पर कई आरएसएस नेता थे।
RSS के 5 नेताओं को Y कैटेगरी की सुरक्षा
बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआइ (NIA) और आइबी (IB) की रिपोर्ट के आधार पर केरल के पांच आरएसएस नेताओं को वाइ (Y) कैटेगरी की सुरक्षा दी है। इन नेताओं की सुरक्षा में अब पैरामिलिट्री फोर्स के कमांडो तैनात रहेंगे। सूत्रों की मानें तो पीएफआइ नेताओं के पास से एक लिस्ट मिली है, जिसमें कई आरएसएस नेताओं का नाम लिखा था।
PFI नेताओं पर छापेमारी के दौरान अहम खुलासे
पीएफआइ पर केंद्र सरकार ने अगले 5 सालों के लिए बैन लगा दिया है। पिछले दिनों देशभर में पीएफआइ के ठिकानों पर एनआइए ने छापेमारी की थी, जिसमें कई चौंकानेवाले तथ्य सामने आए। 22 सितंबर को पीएफआइ के सदस्य मोहम्मद बशीर पर छापेमारी के दौरान एनआइए को आरएसएस नेताओं की लिस्ट मिली, जिसमें आरएसएस के 5 नेताओं को जान से मारने का जिक्र किया गया था। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों आरएसएस नेताओं की सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क हो गईं। इसी के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांचों नेताओं को वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी है।
जज, पुलिस अधिकारी और यहूदियों को निशाना बनाने की भी थी साजिश
बताया जा रहा है कि केंद्र और राज्यों के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि प्रतिबंधित पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) ने कथित रूप से हाई कोर्ट के जजों, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, अहमदिया मुसलमानों और तमिलनाडु आने वाले विदेशियों खासकर यहूदियों को निशाना बनाने की साजिश रची थी। उन्होंने बताया कि छापों के दौरान मिले दस्तावेज में पीएफआई के 2047 तक के रोडमैप के बारे में भी पता चलता है।