प्रयागराज में आपसी रंजिश में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या

प्रयागराज में आपसी रंजिश में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या
सोरांव के यूसुफपुर गांव में रविवार तड़के एक ही परिवार के पांच लोगों की उस वक्त बेरहमी से हत्या कर दी गई, जब सभी सो रहे थे। मृतकों में विजयशंकर तिवारी, उनके बेटे-बहू व दो मासूम पौत्र शामिल हैं। देर शाम मृतका के भाई ने संपत्ति विवाद में हत्या का आरोप लगाते हुए बहन के चचिया ससुर समेत सात लोगों पर नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई, जिनमें गांव का प्रधान भी शामिल है। पुलिस प्रधान समेत चार को हिरासत में लेकर पूछताछ में जुटी है। हालांकि अभी तक हत्या के पीछे की वजह साफ नहीं हो सकी है। इससे पहले सामूहिक हत्या से आक्रोशित परिजनों ने आठ घंटे तक शव नहीं उठाने दिए। इस सनसनीखेज वारदात की जानकारी पर आईजी, एसएसपी समेत तमाम आला अफसर भी घटनास्थल पर पहुंचे।

कोखराज-वाराणसी हाईवे के किनारे स्थित यूसुफपुर गांव में रहने वाले विजयशंकर (55) छह भाइयों में सबसे बड़े थे। आसपड़ोस में ही उनके अन्य भाई भी परिवार समेत रहते हैं। विजयशंकर के परिवार में दो बेटों में सोमदत्त उर्फ सोनू (32) बड़ा था। परिवार में पत्नी कामिनी उर्फ सोनी (28) व दो बेटे कान्हा (6) और कुंज (3) थे। रोज की तरह शनिवार रात भी सभी घर के भीतर सो रहे थे। सोनू ऑटो चलाकर परिवार का पालन पोषण करता था। ऐसे में वह रोज सुबह ही उठ जाता था। रविवार को बहुत देर तक परिवार का कोई सदस्य घर के बाहर नहीं निकला।

ऐसे में नौ बजे के करीब पड़ोस में रहने वाली विजयशंकर की भाभी मुन्नी देवी उन्हें जगाने पहुंची। उनके मुताबिक, भीतर से बंद नहीं होने के कारण धक्का देते ही दरवाजा खुल गया। उन्होंने कमरे में देखा कि सोनू व उसका बड़ा बेटा कान्हा खून से लथपथ मृत पड़े थे। सूचना पर परिवार के अन्य लोगों के अलावा सोरांव पुलिस भी पहुंच गई।

पुलिसकर्मी घर के भीतर गए तो दूसरे कमरे में कामिनी व छोटे बेटे कुंज की रक्तरंजित लाश मिली। सबसे पीछे स्थित कमरे में विजयशंकर भी मृत पड़े मिले। सभी को बेरहमी से मौत के घाट उतारा गया था। मौके पर खून से सने सिल-बट्टे, ईंट, छेनी व कुल्हाड़ी का धूरा मिला। जिससे माना गया कि इन्हीं चीजों से वारकर पूरे परिवार को मौत की नींद सुला दिया गया। आईजी केपी सिंह, एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज कई थानों की फोर्स लेकर पहुंच गए। सूचना दी गई तो मृतका का भाई कार्तिकेय उर्फ शानू व मायके के अन्य लोग आ गए। पुलिस ने मर्चरी भेजने के लिए शव कब्जे में लेने की कोशिश की तो परिवारवालों ने विरोध कर दिया। उनका कहना था कि मृतक के सूरत में रहने वाले भाई मोनू व मृतका के पिता के आने तक शव नहीं उठने दिए जाएंगे। अफसर मानमनौव्वल में लगे रहे। बड़ी मशक्कत करने पर आठ घंटे बाद परिजन माने और तब जाकर शाम पांच बजे के करीब शव मर्चरी भेजे जा सके। इससे पहले मौके पर डीएम भानुचंद्र गोस्वामी के साथ ही अन्य प्रशासनिक अफसर व सांसद केशरी देवी भी पहुंचीं।

‘जीजा के दो चाचा, चार चचेरे भाइयों ने की हत्या’
देर शाम मृतका के भाई कार्तिकेय ने तहरीर देकर आरोप लगाया कि हत्याकांड को संपत्ति के विवाद में अंजाम दिया गया। तहरीर में आरोप लगाया गया है कि जायदाद को लेकर उसके जीजा सोनू का अपने पट्टीदारों से लंबे समय से विवाद चल रहा था। तीन साल पहले भी इसे लेकर विवाद हुआ, जिसमें उन पर हमला किया गया। आरोप लगाया कि इसी रंजिश को लेकर चचिया ससुर सच्चिदानंद तिवारी व संपूर्णानंद तिवारी और उनके बेटों व भतीजों अंबुज, जीतेंद्र, विकास और सत्यम ने बहन व उसके परिवार को खत्म कर दिया। हत्याकांड की साजिश ग्राम प्रधान प्रदीप कुमार सरोज ने रची।

तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर चार नामजद आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इनमें प्रधान प्रदीप के अलावा संपूर्णानंद, सच्चिदानंद व जीतेंद्र शामिल है। इसके अलावा घर में रखे बक्से खुले पड़े मिले और उनमें रखा सामान भी अस्त-व्यस्त था। कई अन्य बिंदुओं को भी ध्यान में रखकर जांच पड़ताल की जा रही है।
सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, एसएसपी 

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