नागपुर। महाराष्ट्र के अमरावती में पिछले माह हुई केमिस्ट की हत्या मामले में जांच का जिम्मा गृहमंत्री अमित शाह ने NIA को सौंप दिया है। साथ ही स्थानीय अदालत ने गिरफ्तार पांच आरोपियों की पुलिस हिरासत की अवधि 5 जुलाई तक बढ़ा दी। बता दें कि उदयपुर की घटना से पहले ही महाराष्ट्र (Maharashtra) में केमिस्ट की हत्या कर दी गई थी।

पुलिस को है ये संदेह

अमरावती में बीते माह रात को दुकान बंद कर घर लौट रहे एक 54 साल के केमिस्ट की हत्या कर दी गई। पुलिस को संदेह है कि केमिस्ट ने भाजपा की निलंबित नेता नुपुर शर्मा के विवादित बयान का समर्थन किया था और इसलिए ही उसकी हत्या की गई है। पुलिस का कहना है कि केमिस्ट ने नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मैसेजिंग प्लेटफार्म पर पोस्ट शेयर किया था।  बता दें कि नुपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए। साथ ही इसकी वैश्विक स्तर पर निंदा की गई थी।

21 जून को हुई थी हत्या

उमेश प्रह्लादराव कोल्हे (Umesh Prahladrao Kolhe) नाम के केमिस्ट की 21 जून को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में अब तक पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उदयपुर की घटना से एक सप्ताह पहले ही महाराष्ट्र में केमिस्ट की हत्या की गई थी। अमरावती की पुलिस कमिश्नर डाक्टर आरती सिंह ने कहा, ‘केमिस्ट की हत्या मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इसका मुख्य आरोपी इरफान खान (Irfan Khan,  32) फरार है। इरफान एक NGO चलाता है।’

केमिस्ट रात के 10 बजे के करीब अपनी बाइक से घर लौट रहा था। उसके साथ ही दूसरे वाहन पर पत्नी और 27 वर्षीय बेटा संकेत भी थे। कुछ दूर के बाद ही कुछ बाइकसवारों ने केमिस्ट पर धारदार हथियार से हमला किया और जान ले ली। बेटे संकेत ने ही पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई जिसके आधार पर   अमरावती में ही रहने वाले मुद्दसिर अहमद (22), शाहरुख पठान (25), अब्दुल तौफीक (24), शोएब खान (22) और आतिब राशिद (22) को पुलिस ने हिरासत में लिया। इसके अलावा पुलिस ने घटनास्थल से सीसीटीवी फुटेज भी बरामद कर ली है।

व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया था पोस्ट 

कोल्हे का मेडिकल स्टोर अमरावती में था। उन्होंने नुपुर शर्मा के उस विवादित बयान के समर्थन में एक पोस्ट को व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किया था और इस ग्रुप के सदस्यों में कुछ मुस्लिम भी हैं। यह जानकारी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने दी। इसके बाद इरफान ने कोल्हे की हत्या के लिए पांच लोगों को भेजा। इसके लिए इन हत्यारों को इरफान की ओर से 10,000 रुपये दिए जाने का वादा किया गया था। साथ ही घटना के बाद वहां से इन सबको  सुरक्षित निकालने का भी इंतजाम किया था।