30 हजार करोड़ की रैपिड मेट्रो का पहला प्रोजेक्ट यूपी से शुरू

30 हजार करोड़ की रैपिड मेट्रो का पहला प्रोजेक्ट यूपी से शुरू

देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ रैपिड मेट्रो का संचालन यूपी के दुहाई से साहिबाबाद के बीच वर्ष 2023 में शुरू होगा। 30 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में करीब 80 प्रतिशत भाग यूपी में ही है। 82 किमी लंबे इस रैपिड मेट्रो के प्रोजेक्ट को वर्ष 2025 तक शुरू किया जाना है। यह जानकारी शनिवार को अर्बन मोबिलिटी कॉन्फ्रेंस में शामिल होने आए रैपिड मेट्रो पर काम कर रही एनसीआर ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक वीके सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट यूपी को दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल और सराय काले खां स्टेशन से लिंक करेगा। पूरे रूट पर रैपिड मेट्रो के कुल 15 स्टेशन होंगे। इनमें से 13 यूपी में हैं। राजस्थान व हरियाणा सरकार ने भी इस प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई है। इसी लाइन को आगे राजस्थान के अलवर और हरियाणा के पानीपत से लिंक किया जाना है। राज्य सरकारों की सैद्धांतिक अनुमति मिल चुकी है। अब केंद्र सरकार को यह प्रोजेक्ट जाना है।

भारत में इस क्षेत्र में पहली बार काम
वीके सिंह का कहना है कि अभी तक मेट्रो प्रोजेक्ट 80 किमी प्रति घंटा और ट्रेन प्रोजेक्ट 110 किमी प्रतिघंटा की गति के आधार पर तैयार होते हैं। रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम में गति 180 किमी प्रतिघंटा रखी गई है। भारत में यह सब पहली बार हो रहा है। इसके बावजूद इस प्रोजेक्ट के 75 प्रतिशत तक काम भारत में ही कराए जाएंगे। गौरतलब है कि जापान को अनुभव के बाद भी रैपिड रेल के 58 किमी लंबे प्रोजेक्ट को पूरा करने में 11 साल लगे थे। भारत में इस काम को महज छह साल में पूरा किया जाएगा।

बचाए 6000 करोड़ रुपये
वीके सिंह ने बताया कि जब इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ तो पता चला कि मोदीपुरम से मेरठ के बीच मेट्रो प्रोजेक्ट होना है। इसकी लागत 8200 करोड़ रुपये थी। मेट्रो लाइन को रैपिड लाइन में शामिल कर लिया। मेट्रो लाइन के 13 स्टेशन अब रैपिड लाइन पर हैं। इनमें से चार स्टेशन को रैपिड ट्रेनें भी उपयोग करेंगी। इससे करीब 6000 करोड़ रुपये बचाए गए हैं।

कोच्चि में पानी के रास्ते चलेगी मेट्रो
कोच्चि मेट्रो रेल लि. के प्रतिनिधि ने बताया कि वाटर मेट्रो के लिए विशेष कोच और रूट तय किए गए हैं। एलीवेटेड मेट्रो लाइन को यह फीडर सर्विस की तरह लिंक करेगी। इसके लिए 15 रूट पर 10 द्वीपों को जोड़ा जाएगा। ये रूट 15 किमी में फैले होंगे। इससे करीब एक लाख लोगों को इसका फायदा होगा।