राज्यसभा में बोलीं वित्त मंत्री- विकास के लिए 25 साल का रोडमैप जरूरी, हमारा पूरा जोर आर्थिक विकास पर

राज्यसभा में बोलीं वित्त मंत्री- विकास के लिए 25 साल का रोडमैप जरूरी, हमारा पूरा जोर आर्थिक विकास पर
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश बजट पर राज्यसभा में जवाब दे रही हैं। बता दें कि वित्त मंत्री ने एक फरवरी को आम बजट 2022-23 पेश किया था।

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राज्यसभा में केंद्रीय बजट (Budget 2022) पर चर्चा का जवाब दे रही हैं। चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट से निरंतरता आएगी और ये बजट अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाएगा। ये बजट स्थिरता की बात करता है, इस बजट में पिछले साल की कुछ योजनाओं को आगे बढ़ाया गया है और वो योजनाएं आने वाले 25 सालों में हमारा मार्गदर्शन करेंगी।

स्टार्टअप के लिए बेहतर सुविधाएं

निर्मला ने आगे कहा कि भारत में स्टार्टअप के लिए बेहतर सुविधाएं हैं। उन्होंने कहा कि विकास के लिए 25 साल का रोडमैप जरूरी है। हमारा पूरा जोर आर्थिक विकास पर है। उन्होंने कहा कि देश में 20 से ज्यादा स्टार्टअप यूनिकार्न बनाए गए हैं। इस बजट में तकनीक को प्राथमिकता दी गई है, इसका एक उदाहरण कृषि में सुधार करने और उसको माडर्न बनाने के लिए ड्रोन को लाना है। स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, हमने देखा कि देश में जिस मजबूती के साथ स्टार्टअप आ रहे हैं ऐसा विश्व में कहीं नहीं हुआ।

बता दें कि इससे पहले उन्होंने गुरुवार को लोकसभा में बजट पर जवाब दिया था। वित्त मंत्री ने 1 फरवरी को संसद में आम बजट पेश किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश बजट पर लोकसभा में चर्चा के दौरान बताया कि हर साल एक ही देश से 2.5 करोड़ छाते का आयात होता है। उन्होंने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि इसे देखते हुए ही छाते के आयात पर लगने वाले 10 प्रतिशत शुल्क को बजट में 20 प्रतिशत कर दिया गया। उन्होंने बताया कि घरेलू छाता निर्माता एमएसएमई कंपनियों ने यह शिकायत की थी कि कम शुल्क की वजह से देश में चीन से छाते का आयात लगातार बढ़ रहा है। आयात शुल्क बढ़ने से घरेलू छोटे उद्यमियों को निर्माण का मौका मिलेगा।

लोकसभा में सीतारमण ने यह भी बताया वर्ष 2013 में कांग्रेस के शासन काल में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के बाली समझौते में सरकार ने ऐसा समझौता कर लिया था जिसके तहत वर्ष 2017 के बाद से सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से चावल की खरीदारी नहीं कर पाती, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे ठीक कराया, तभी आज हम किसानों से अनाज खरीद कर गरीबों में बांट पा रहे हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र जो सेस वसूलता है, उसमें से राज्यों को विभिन्न केंद्रीय कार्यक्रम के तहत राशि दी जाती है। वित्त वर्ष 2013-14 में राज्यों को केंद्र की तरफ से छह लाख करोड़ रुपये दिए गए थे, जो चालू वित्त वर्ष में 17 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है। वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सरकारी टेलीकाम कंपनी बीएसएनएल को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और उसकी 4जी सेवा लांच करने के लिए 24,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

 


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