नकुड मे बुखार ने लिया खतरनाक रूप, हायर सेंटर भी जान बचाने मे हो रहे है नाकाम
नकुड 31 अक्टुबर इंद्रेश। नकुड क्षेत्र मे बुखार खतरनाक हो गया है। बुखार से पिडित लोग हायर सेंटर का रूख कर रहे है। वंहा भी मरीजो का जीवन बचाना मुश्किल हो रहा है। कई बुखार से पिडित हायर सेंटर पर भी जीवन की जंग हार रहे है।
शुक्रताल निवासी पूर्व प्रधान विजय चैधरी के अडतालिश वर्षीय भाई संजय कुमार की इसी महीने कुरूक्षेत्र के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी । उन्हे तेज बुखार के कारण उपचार के लिये कुरूक्षेत्र ले जाया गया था। संजय कुमार की जांच रिर्पोट में उन्हे हर्पिस सिंपलेक्स इनसेफेलाईटिस से पिडित बताया गया। यह बिमारी रेयरेस्ट आफ द रेयर की श्रेणी मे आती है। जबकि नठोडी के पूर्व प्रधान सुरेंश पाल की भी बुखार से कुछ दिन पूर्व मृत्यु हो गयी थी । परिजनों का कहना है कि उन्हे दो तीन दिन बुखार आया। उपचार के लिये पहले सहारनपुर ओर उसके बाद देहेरादून ले जाया गया। पंरतु उनका जीवन नहीं बच पाया।
पदमनगली निवासी युवा नेता मोहित सैनी की माता जी संतोष को सोमवार को सुबह बुखार के चलते मुलाना मेडिकल कालेज मे भर्ती कराया गया था। वे पिछले दो दिनो से बुखार से पिडित थी। परंतु उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड दिया। दो दिन पूर्व ही इसी गाव की एक 19 वर्षीय महिला की बुखार के चलते मौत हो गयी । उसे भी गंभीरावस्था में उपचार के लिये मुलाना मेडिकल कालेज मे भर्ती कराया गया था। परंतु उसकी जान नहीं बच पायी।
क्या कहते है एक्सपर्ट
नगर के वरिष्ठ चिकित्सक डा0 केपी पंवार ने कहा कि वर्तमान मे बुखार से पिडित मरीजों की संख्या तो कम है। पंरतु जो मरीज आ रहे उनकी प्लेटिलेटस तेजी से कम हो रही है। जिससे रिस्क फेक्टर बढ गया है। अधिकांश चिकित्सको का मानना है कि वर्तमान में बुखार मे डेंगी के लक्षण आ रहे है। जो चिंताजनक है। विभिन्न गांवो में एंेटी लारवा व फोगिंग न होना भी बुखार का एक कारण माना जा रहा है।
शुक्रताल के पूर्व प्रधान विजयसिहं ने बताया कि ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित करके गंाव में ऐंटी लारवा का छिडकाव कराया हैं पंरतु नियिमत छिडकाव के बिना बुखार की समस्या पर काबू पाना संभव नंही है।