हरियाणा में खाद संकट: खाद लेने पहुंचे किसानों के हाथों पर मुहर, विपक्ष बोला- ‘अपराधियों’ जैसा व्यवहार

हरियाणा में खाद संकट: खाद लेने पहुंचे किसानों के हाथों पर मुहर, विपक्ष बोला- ‘अपराधियों’ जैसा व्यवहार

हरियाणा में विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर उर्वरक की कमी से जूझ रहे किसानों के साथ ‘अपराधियों’ जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया है, जहाँ उनके हाथों पर मुहरें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस और इनेलो ने इस शर्मनाक प्रथा पर सवाल उठाते हुए एमएसपी सुनिश्चित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सरकार की विफलता पर भी प्रकाश डाला।

हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य में किसान उर्वरकों की कमी से जूझ रहे हैं और उनके साथ “अपराधियों” जैसा व्यवहार किया जा रहा है, क्योंकि जब वे उर्वरक लेने पहुंच रहे हैं, तो अधिकारी उनके हाथों पर मुहर लगा रहे हैं। हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला तथा इनेलो अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने आरोप लगाया कि किसानों के साथ ऐसा व्यवहार कर उन्होंने जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।

सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, “उर्वरक की गंभीर कमी के कारण पहले से ही संघर्ष कर रहे किसानों की मदद करने के बजाय, भाजपा सरकार ने अब एक शर्मनाक प्रथा शुरू कर दी है – किसानों के हाथों पर इस तरह मुहर लगाना, जैसे कि वे अपराधी हों।” वहीं, चौटाला ने एक अन्य बयान में दावा किया कि एक आधार कार्ड के बदले केवल दो बोरी डीएपी खाद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों के हाथों पर मुहर लगाई जा रही है, जिससे “उन्हें अपराधी जैसा महसूस हो रहा है।

इससे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को आरोप लगाया था कि हरियाणा की भाजपा सरकार सभी क्षेत्रों में जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है। करनाल शहर में एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने कहा, “किसान अपनी फसलों के उचित मूल्य के लिए संघर्ष कर रहे हैं और आम जनता सुरक्षा के मुद्दों का सामना कर रही है।”

सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि 24 फसलों के लिए एमएसपी देने का दावा करने वाली भाजपा सरकार अब अपना चेहरा छिपा रही है। उन्होंने कहा, “हरियाणा में धान, बाजरा, कपास और मूंग सहित खरीफ की फसलें एमएसपी से 300 से 1,200 रुपये तक कम दामों पर बिक रही हैं।” उन्होंने कहा, “हम सरकार से बार-बार पूछ रहे हैं कि हरियाणा में किन 24 फसलों को एमएसपी मिल रहा है? खेतों से मंडियों तक पहुँचने वाली फसलों को एमएसपी नहीं मिल रहा है। कोई भी मंडी जाकर सच्चाई देख सकता है।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने फसल बेचने से लेकर मुआवजा प्राप्त करने तक की प्रक्रियाओं को इतना जटिल बना दिया है कि किसान उलझन में पड़ गए हैं। उन्होंने कहा, “किसानों को न तो उचित दाम मिलता है और न ही मुआवज़ा। लेकिन, पिछले सालों की तरह, रबी की फसल की बुवाई के लिए खाद के लिए मारामारी मची हुई है। कई जगहों पर किसानों और महिलाओं पर लाठीचार्ज की भी खबरें आ रही हैं।”

राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए हुड्डा ने कहा कि हरियाणा देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार की रिपोर्ट और आँकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। हरियाणा में संगठित अपराध चरम पर है। यहाँ 80 से ज़्यादा अपराधियों के गिरोह सक्रिय हैं, जो हत्या, लूट, डकैती और जबरन वसूली जैसे अपराध कर रहे हैं।”