इस विधि से करें उत्पन्ना एकादशी का व्रत, सुख-सौभाग्य में होगी बढ़ोतरी

इस विधि से करें उत्पन्ना एकादशी का व्रत, सुख-सौभाग्य में होगी बढ़ोतरी

New Delhi : हिंदू धार्मिक पंचांग के अनुसार साल में कुल मिलाकर 24 एकादशी आते हैं, ऐसे में हर महीने में दो बार एकादशी यानी की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष तिथि पर पड़ती है. वहीं यह एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष पर पड़ने वाली एकादशी है, जिसे उत्पन्ना एकादशी भी कहते हैं. यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी है, इस दिन भगवान विष्णु का विधि-विधान से पूजा करने से ऐश्ववर्य की प्राप्ति होती है. तो आइए हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि उत्पन्ना एकादशी कब है, शुभ मुहूर्त कब है, पूजा विधान-विधान क्या है.

उत्पन्ना एकादशी कब है?
उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी है, यह एकादशी दिनांक 19 नवंबर 2022 दिन रविवार को है, कहते हैं इस दिन व्रत रखने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, पौराणिक कथा के अनुसार मान्यता है कि इस दिन एकादशी माता ने मुर नाम के एक राक्षस का वध किया था.

पूजा का मुहूर्त क्या है?

उत्पन्ना एकादशी का शुभ मुहूर्त 19 नवंबर 2022 दिन शनिवार को सुबह 10 बजकर 29 मिनट से लेकर अगले दिन यानी की 20 नवंबर 2022 दिन रविवार को सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा, वहीं पारण का शुभ मुहूर्त 21 नवंबर दिन सोमवार को सुबह 6 बजकर 40 मिनट से लेकर 8 बजकर47 मिनट तक रहेगा.

व्रत का महत्त्व क्या है?
इस दिन व्रत रखने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पुर्ण होती है, इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.

इस एकादशी के दिन करें ये काम
-इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का विधिवत पूजा करना चाहिए.
-भगवान विष्णु को किसी भी प्रकार की पीली मिठाई का भोग लगाएं और साथ में पीले फूल भगवान के चरण में अर्पित करें.
-इस दिन भगवान विष्णु का जलाभिषेक अवश्य करें.
-जरूरतमंदों को कंबल दान करें और खीर खिलाएं.
-पीले वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें.


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