बहादुरगढ़। रेल कोरिडोर के लिए अधिगृहीत जमीन का उचित मुआवजा समेत 25 मांगों को लेकर आंदोलनरत किसानों की ओर से मंगलवार को दिल्ली का पानी, रेल व सड़क मार्ग रोकने रोकने की तैयारी में हैं। इसको लेकर एक तरफ किसानों ने कमर कस रखी है तो दूसरी तरफ पुलिस-प्रशासन भी मुस्तैद है। किसानों की ओर से जहां-जहां रेल व सड़क मार्ग जाम किए जाने की संभावना है, उन स्थानों पर पुलिस की ओर से तैनाती की जाएगी। किसानों की कोशिश जहां सरकार पर दबाव बनाने की है तो दूसरी ओर पुलिस-प्रशासन की कोशिश यह रहेगी कि किसी भी सूरत में कानून-व्यवस्था और आवागमन प्रभावित न हो।

दरअसल, किसानों की ओर से दो दिन पहले रविवार को भी यह आह्वान किया गया था। रेल व सड़क मार्ग जाम करने से पहले किसानों की ओर से आसौदा गांव में महापंचायत बुलाई गई थी, मगर इस पर बारिश का असर पड़ा। फिर भी झज्जर व सोनीपत के अनेक गांवों से खाप व किसान संगठनों के प्रतिनिधि पहुंचे थे, मगर जितनी भीड़ का अनुमान था, उतनी बारिश के कारण नहीं हो पाई। ऐसे में पंचायत में मंथन किया गया। बाद में यह फैसला लिया गया कि सरकार को एक दिन का और समय दिया जाए।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल ने कहा कि किसानों की मांगों पर विचार करने और उन्हें पूरी करने के लिए सरकार को एक और दिन का समय दिया गया था। मगर सरकार की ओर से इस मसले को सुलझाने और किसानों की मांग पूरी करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। अब 27 जून को दिल्ली का रेलमार्ग, सड़क व पानी रोका जाएगा। किसानों की ओर से पिछले करीब छह महीने से शांतिपूर्वक धरना दिया जा रहा है, मगर सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।

सीएम से बेनतीजा रही थी वार्ता

सीएम से किसानों की वार्ता 22 जून को हुई थी, लेकिन वह बेनतीजा रही थी। इसके बाद से किसानों में गुस्सा है। किसानों की ओर से इस मसले पर समर्थन जुटाने के लिए शनिवार को झज्जर के छारा व दिल्ली के निजामपुर गांव में पंचायत की गई। इसके बाद ही आसौदा में पंचायत करने और फिर रेल, सड़क व पानी रोकने का ऐलान कर दिया गया था। अब 27 जून को किसान सड़क व रेलमार्ग पर उतरेंगे।