केएमपी हाइवे बंद, ट्रॉली, गद्दे और चारपाई लेकर हाइवे पर बैठे किसान

केएमपी हाइवे बंद, ट्रॉली, गद्दे और चारपाई लेकर हाइवे पर बैठे किसान
  • किसान मोर्चा ने आंदोलन को तेज करने के लिए केएमपी हाइवे 24 घंटे के लिए बंद कर दिया है. वहीं किसानों ने हाइवे पर ही ट्रॉलियों को लगा दिया है, साथ ही टोल प्लाजा पर एक मंच भी बनाया है, जहां से किसान भाषण भी दे रहे हैं.

सोनीपत: कृषि कानून के खिलाफ किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करते हुए आज 135वां दिन है. संयुक्त किसान मोर्चा ने केएमपी हाइवे बंद करने का आह्वान किया है, इसी तर्ज पर सिंघु बॉर्डर से आए किसानों ने 1 नम्बर कुंडली टोल प्लाजा (वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे) सोनीपत को बंद कर दिया है. किसान मोर्चा ने आंदोलन को तेज करने के लिए केएमपी हाइवे 24 घंटे के लिए बंद कर दिया है. वहीं किसानों ने हाइवे पर ही ट्रॉलियों को लगा दिया है, साथ ही टोल प्लाजा पर एक मंच भी बनाया है, जहां से किसान भाषण भी दे रहे हैं.

करीब 500 से अधिक संख्या में किसानों ने हाईवे बंद के दौरान टिकरी बॉर्डर पर हुए एक किसान की मृत्यु पर 2 मिनट का मौन भी रखा और ‘शहीद किसान अमर रहे’ के नारे भी लगाए. दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को किसान एक मजबूत धार देने में लगे हुए हैं, यही वजह है कि किसान लगातार नई-नई रूप रेखा तैयार कर रहे हैं. दरअसल, तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं.

पुलिस-प्रशासन भी सख्त
उन्होंने कहा कि सोनीपत, झज्जर, पानीपत, रोहतक, पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम और नूंह के प्रभावित जिलों में ट्रेफिक डायवर्जन की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे 44 पर अंबाला से आने वाले यात्री गाजियाबाद और नोएडा की ओर करनाल होते हुए शामली और पानीपत से सनौली की ओर जा सकते हैं. इसी तरह गुरुग्राम और जयपुर की ओर जाने वाले वाहन पानीपत से राष्ट्रीय राजमार्ग 71-ए की ओर मुड़ सकते हैं और गोहाना, रोहतक, झज्जर और रेवाड़ी होकर जा सकते हैं. विर्क ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी.

मोर्चे ने दिया भरोसा
हालांकि किसान संयुक्त मोर्चा ने भरोसा दिलाते हुए कहा, ‘हम सभी किसानों की तरफ से आश्वस्त करते हैं कि बंद के दौरान एक्सप्रेस-वे पर लोगों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाएगा.’ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे लंबे आंदोलन (Farmers Protest) को किसान मजबूत धार देने में लगे हुए हैं, यही वजह है कि देश के विभिन्न हिस्सों में महापंचायतों के अलावा कभी भारत बंद तो कभी केएमपी बंद करने की रूपरेखा बनाई जा रही है. तीन नए खेती कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से ही राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों ने सरकार पर दबाब डालने के लिए इससे पहले भी रणनीति बनाकर आंदोलन के अलग-अलग रूप दिखा चुके हैं, लेकिन सरकार और किसान नेताओं के बीच फिर से वार्ता शुरू होने की सूरत अब तक नहीं बन पाई है.


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