कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर किसानों का चक्काजाम

कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर किसानों का चक्काजाम
  •  कृषि कानूनों को वापस लेने तथा गन्ने का लाभकारी मूल्य ६०० रुपये प्रति क्विंटल घोषित किए जाने की मांग को लेकर पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के बैनर तले किसानों ने हाईवे पर चक्का जाम किया। इस दौरान किसान जमकर नारेबाजी करते हुए ट्रैक्टर, कारों और बाइकों के काफिले के साथ उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम १५ सूत्रीय ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।

देवबंद [24CN] : शनिवार को पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा के बैनर तले किसान ट्रैक्टर, कारों और बाइकों से जामिया तिब्बिया मेडिकल कालेज के पास हाईवे पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए चक्का जाम कर दिया। इस दौरान आम आदमी पार्टी के दिल्ली विधायक हाजी मो. युनूस, जिलाध्यक्ष योगेश दहिया और प्रदेश सचिव मनीष कुमार सहित आप नेता प्रदर्शनकारी किसानों के बीच पहुंचे और मोर्चा को समर्थन दिया। यहां से किसान काफिला बनाकर नारेबाजी करते हुए उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन हाईवे पर पहले से मौजूद तहसीलदार हर्ष चावला को सौंपा।

उन्होंने किसान व देशहित में तीनों कृषि कानून वापस लेने, देश के किसानों के कर्ज माफ किए जाने, राष्ट्रीय किसान आय आयोग का गठन करने, फसलों का लाभकारी मूल्य दिए जाने, देश व किसानों की उन्नति के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, उत्तर प्रदेश में गन्ना मूल्य ६०० रुपये घोषित कराए जाने, पिछले व चालू वर्ष का गन्ना भुगतान दिलाने, घटतौली को रोकने, यूपी में किसानों को कृषि कार्यों के लिए पंजाब की तर्ज पर बिजली मुफ्त दिलाने, किसानों को ३० रुपये लीटर डीजल दिए जाने, मनरेगा योजना को सीधा खेती से जोड़ने तथा डीजल, पेट्रोल व रसोई गैस के दाम कम करने सहित आदि मांगे की गईं। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार के साथ साथ किसानों पर थोपे गए तीनों कृषि कानून गरीब व देश विरोधी हैं।

आज देश का अन्नदाता किसान कठिन दौर से गुजर रहा है। लगातार बढ़ते कर्ज के कारण किसान आत्महत्या करने को मजबूर है। कृषि कानूनों की वापसी को लेकर देश के किसान आंदोलित हैं। जब तक यह कानून वापस नहीं ले लिए जाते संघर्ष जारी रहेगा। मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मुफ्ती असद कासमी, वाजिद अली त्यागी, मनीष कुमार, योगेश दहिया सरदार गुलविंद्र सिंह, रविंद्र गिल व अजब सिंह सैनी ने भी विचार रखे। इसमें अमन गिल, भोपाल, हाजी सुलेमान, डा. संजय सिंह, तीरथपाल, विजयपाल, अमीर आलम, सुभाष त्यागी, सचिन,अमित, अब्दुल कादिर आदि मौजूद रहे।