किसानों का ऐलान- 6 मार्च को देशभर में होगा ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन
New Delhi: न्यूनतन समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी समेत अन्य कई मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हरियाणा-पंजाब और यूपी के किसान और आर या पार को मोड़ में आ चुके हैं. किसानों से साफ कर दिया है कि अब सरकार से अपना हक लेने के लिए पूरी शक्ति और आत्मबल के साथ आंदोलन होगा. किसान संगठनों ने कहा कि 6 मार्च को हजारों की तदाद में किसान शंभू बॉर्डर से राजधानी दिल्ली के लिए कूच करेंगे. हालांकि उनका आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा. वहीं, पुलिस-प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए व्यापक स्तर पर इंतजाम किए हुए हैं. सड़कों पर बेरिकैडिंग की गई है और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि हमारा दिल्ली कूच करने का कार्यक्रम जस का तस है, हम उससे पीछे नहीं हटे हैं। तय हुआ है कि हम बॉर्डर पर अपनी ताकत बढ़ाएंगे. 6 मार्च को किसान पूरे देश से ट्रेन, बस, हवाई मार्ग से (दिल्ली) आएंगे और हम देखेंगे कि सरकार उन्हें वहां बैठने की इजाजत देगी या नहीं. 10 मार्च को हम 12 बजे से देशभर में ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन करेंगे…” आपको बता दें कि किसानों की मांगों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका. हालांकि सरकार किसानों से लगातार शांति व्यव्स्था बनाए रखने और बातचीत से समस्या का हल निकालने की अपील कर रही है. वहीं, किसानों का कहना है कि एमएसपी को लेकर सरकार का अभी भी अड़ियल रवैया ही देखने को मिल रहा है, लिहाजा आंदोलन के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं है.
किसान संगठनों की मांगें-
- सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद की गारंटी का कानून बने
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय हों
- किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले
- बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द किया जाए
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी हो
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां व खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए
- मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए
- संविधान की 5वीं सूची को लागू किया जाए