आत्मा योजनान्तर्गत कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
सहारनपुर [24CN]। संयुक्त कृषि निदेशक श्री डी0एस0 राजपूत ने कृषकों को जानकारी देते हुये कहा कि किसानों के द्वारा अपने खेत में जो खाद एवं उर्वरक डाले जाते है पौधे उसका 35-40 प्रतिशत ही उपभोग कर पाते है। शेष खाद भूमि में अघुलनशील या ठोस अवस्था में स्थिर हो जाती है। उन्होने कहा कि चूंकि फास्फोरस खाद बहुत मंहगी होती है किसान भाई अघुलनशील फास्फोरस को घुलनशील बनाने के लिये अपने खेत में पी0एस0बी0 कल्चर का प्रयोग अवश्य करे जिससे डी.ए.पी. तथा एन.पी.के. खाद का कम प्रयोग करना पडेगा और खेती में लागत निश्चित रूप से कम होगी।
श्री डी0एस0 राजपूत आज कृषि विभाग द्वारा सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय कृषक प्रशिक्षण के आयोजन में किसानों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होने कहा कि इसी प्रकार वायुमण्डल की नाइट्रोजन को जमीन में पौधों हेतु उपलब्ध कराने हेतु एजोटोबैक्टर नामक कल्चर का प्रयोग करे। उन्होने कहा कि पौधों को अपना जीवन-चक्र पूरा करने के लिये 18 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती जिनमें से कार्बन, हाइड्रोजन एवं आक्सीजन प्रकृति द्वारा पौधों को निःशुल्क उपलब्ध हो जाते है तथा एन0पी0के0 तथा सूक्ष्म तत्वों की मात्रा मृदा परीक्षण के आधार पर प्रयोग करनी चाहिये जिससे कृषक अपनी खेती में लागत को कम कर सकते है।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा0 सुखदेव सिंह द्वारा कृषि वानिकी तथा औषधीय खेती की विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि वृक्ष मानव जीवन के लिये बहुत महत्वपूर्ण है वृक्षों के द्वारा वायुमण्डल में आक्सीजन का संतुलन बना रहता है तथा खेती के साथ-साथ फल, लकडी आदि के रूप में किसान को अतिरिक्त आय प्राप्त होती है।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 वीरेन्द्र कुमार द्वारा कृषकों रबी फसल प्रबन्धन की विस्तृत जानकारी दी गयी। डा0 वीरेन्द्र कुमार द्वारा बताया गया कि किसान गेहॅू की पछेती बुवाई में खाद की मात्रा कम करे एवं बीज की मात्रा 25 प्रतिशत बढायें तथा बीज को भिगोकर बोयें। डा0 आई0के0 कुशवाहा द्वारा जैविक खेती के विषय में जानकारी दी गयी साथ ही किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मशरूम उत्पादन के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी गयी एवं बताया कि कृषि में विविधिकरण की आवश्यकता है इससे कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
उप कृषि निदेशक डा0 राकेश कुमार द्वारा कृषकों को बीजों तथा कृषि यंत्रो पर अनुदान की विस्तृत जानकारी दी गयी तथा कृषि वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों के द्वारा दी गयी तकनीकी जानकारी को अपनाने हेतु अपील की गयी।
इस अवसर पर कृषक श्री जयपाल, राजकुमार, सोमपाल, तेल्लुराम, नाथीराम, गीता, मंजू, सविता, ममता एवं सारिका आदि कृषकों सहित 100 कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।