आत्मा योजनान्तर्गत कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम आयोजित

- पराली एवं गन्ने की पत्ती जलाने पर 15000 रूपये तक का आर्थिक दण्ड और आजीवन कारावास
सहारनपुर [24CN]। संयुक्त कृषि निदेशक श्री डी0एस0 राजपूत ने प्राकृतिक एवं जैविक खेती के विषय पर कृषकों को जानकारी दी और फसल अवशेष को जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। उन्होने कहा कि यदि किसान अपने खेत में पराली एवं गन्ने की पत्ती जला रहा है तो 2500 रूपये प्रति घटना से लेकर अधिकतम 15000 रूपये प्रति घटना का आर्थिक दण्ड तथा आजीवन कारावास भी हो सकता है।
श्री डी0एस0राजपूत आज कृषि विज्ञान केन्द्र, खजूरी बाग में कृषि विभाग द्वारा सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजनान्तर्गत कृषक वैज्ञानिक संवाद के आयोजन में यह बात कही। उन्होने किसानों को पौधे के लिये उपयोगी पोषक तत्वों के विषय में भी जानकारी दी तथा मृदा में लाभकारी सूक्ष्म जीवों एवं केचुओं को सुरक्षित रखने के लिये कम्पोस्ट खाद का अधिकतम प्रयोग करने की बात कही।
उप कृषि निदेशक डा0 राकेश कुमार द्वारा उपस्थित समस्त कृषकों को सभी तकनीकी अपनाने का आहवान किया गया तथा कृषकों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया। उन्होने किसानों को अपने उत्पाद का किस प्रकार का विपणन करे इस पर विस्तृत जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 अमरजीत राठी द्वारा कृषकों को रबी फसलों की विस्तृत रूप से जानकारी देते हुये इन फसलों में आने वाली समस्याओं के विषय में किसानों से जाना तथा किसानों से वार्ता कर उनके निस्तारण हेतु जानकारी दी। उन्होने रबी की फसलों की बुवाई एवं प्रजातियों पर विस्तृत चर्चा की एवं गन्ने की खेती के विषय में भी किसानों का जानकारी दी। कृषकों को स्वयं अपने खेत पर बीज तैयार करने हेतु विधियों की जानकारी दी गयी। के0वी0के0 के वैज्ञानिक डॉ0 सुखदेव सिंह द्वारा कृषि वानिकी पर विस्तृत चर्चा की एवं यह किस प्रकार किसानों की आय दोगुना करने में सहायक है की जानकारी भी दी। उन्होने कहा कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से कृषि वानिकी बहुत ही महत्वपूर्ण है। डॉ0 सुखदेव सिंह द्वारा कृषि के साथ-साथ पशुपालन करने की अपील की एवं खेती में अधिकतम कम्पोस्ट खाद प्रयोग करने की सलहा दी। के0वी0के0 प्रभारी अधिकारी डा0 आई0 के0 कुशवाहा द्वारा कृषकों को वेस्टडिकम्पोजर एवं फसल अवशेश प्रबन्धन तथा फसल सुरक्षा के विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम में प्रभारी कृषि विज्ञान केन्द्र डा0 आई0के0 कुशवाहा, प्रभारी आत्मा योजना श्री रविन्द्र बर्नवाल, वैज्ञानिक के0वी0के0 डा0 अमरजीत राठी एवं डा0 सुखदेव सिंह, श्री अमरपाल सिंह एडीओ(कृषि) पुवांरका, आदि उपस्थित रहें तथा वैज्ञानिकों एवं कृषकों के बीच कृषि से सम्बन्धित तकनीकी विषय पर वार्ता की गयी।