संतों पर झूठे मुकदमों की नि:शुल्क की जाएगी पैरवी

संतों पर झूठे मुकदमों की नि:शुल्क की जाएगी पैरवी
  • सहारनपुर में कार्यक्रम को सम्बोधित करते आचार्य बाल योगी अलखनाथ महाराज।

सहारनपुर [24CN]। सिद्ध योग मठ अखाड़े की बैठक में अखाड़े की तरफ से सभी सनातन धर्मी हिन्दुओं और सन्तों पर झूठे और गलत मुकदमों की नि:शुल्क पैरवी और पीडि़तों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। महामंडलेश्वर संत कमल किशोर आज यहां संत अखाड़े की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अखाड़े के आचार्यमंडलेश्वर बालयोगी अलखनाथ महाराज जी स्वयं वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और उनके द्वारा धर्म और देश हित में लिए गए इस फैसले से सत्य कहने पर झूठे और गलत तरीके से फंसाए गए धर्मरक्षकों का मनोबल बढ़ेगा। उन्हे हम इस धर्मयुद्ध मे अकेले होने का एहसास नहीं होने देंगे।

उन्होने कहा कि कालीचरण महाराज ने जो कुछ भी गांधी के बारे में कहा वो उनके विचारों की अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता है।यदि हिन्दू देवी-देवताओं और यहाँ तक कि भगवान राम और कृष्ण पर आपतिजनक भाषा में की गई टिप्पणियों को अभिव्यक्ति और विचारों की आजादी की संज्ञा दी जा सकती है,तो गांधी पर प्रकट किए गए विचारों को क्यों नहीं? उन्होने अंग्रेजों द्वारा प्रयुक्त किए जाने वाले डबल जीयोपार्डी कानून की व्याख्या करते हुए करते हुए कहा कि एक बार किए गए गुनाहों की अलग-अलग जगहों पर रिपोर्ट लिखाकर कई बार सजा करना या करवाने की कोशिश करना संविधान के विपरीत है। एक रेकॉर्ड किए हुए वक्तव्य को एडिट करके आगे भेजने अथवा शेयर किए जाने पर ही उसकी प्रामाणिकता पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है। ऐसे मे कालीचरण महाराज के विरुद्ध दो राज्यों यथा छतीसगढ़ और महाराष्ट्र में एक ही धारा के अंतर्गत मुकदमे दर्ज किया जाना संविधान मे डबल जीयोपार्डी है,जो कि असंवैधानिक है। सिद्ध योग मठ अखाड़ा भारतीय संविधान के अंतर्गत पीडि़त साधू संतों की नि:शुल्क कानूनी सहायता करने के लिए कटिबद्ध है। बैठक में हिमांशु जैन, धीरेन्द्र राठौर, तेजपाल, अनीता, शीला कुमारी, नीना ढींगरा, दिव्य जैन, रामपाल शर्मा, विपिन शर्मा, हिम्मत सिंह ने भी अपने विचार क्यक्त किए।