मणिपुर के शिविरों में रह रहे उग्रवादी भी डालेंगे वोट, चुनाव आयोग ने दी इजाजत

- वर्तमान में इन ग्रुप्स के कैडर्स राज्य के अलग-अलग कैंप्स में रह रहे हैं, जिन्हें कुकी के प्रभाव वाले इलाकों में सरकार की ओर से बनाया गया है
दिल्ली: चुनाव आयोग (EC) ने शुक्रवार को मणिपुर के उन उग्रवादी समूहों के सदस्यों को विधानसभा चुनाव के दौरान वोटिंग करने की इजाजत दे दी है जिसने सरकार के साथ समझौते के लिए हस्ताक्षर किए थे और जो वर्तमान में राज्य के अलग-अलग शिविरों में रह रहे हैं. इन उग्रवादी गुटों को पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने की इजाजत दी गई है. राज्य में कुल 20 से अधिक कुकी उग्रवादी समूह सक्रिय हैं जिनमें यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) और कुकी राष्ट्रीय संगठन (KNO) ने हस्ताक्षर किए थे जो कि राज्य और केंद्र सरकार के साथ एक युद्धविराम समझौता है. इसके तहत ये दोनों उग्रवादी संगठन किसी भी गैर विरोधी कार्यों में लिप्त नहीं रहेंगे. मणिपुर में विधानसभा चुनाव 27 फरवरी से शुरू होंगे.
धीरे-धीरे कई संगठन सरकार के साथ कर रही समझौता
वर्तमान में इन ग्रुप्स के कैडर्स राज्य के अलग-अलग कैंप्स में रह रहे हैं, जिन्हें कुकी के प्रभाव वाले इलाकों में सरकार की ओर से बनाया गया है. इसके अलावा कुछ अंडरग्राउंड गुटों ने भी सरकार के साथ मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किया है. सरकार की ओर से इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास लगातार जारी है. हालांकि इसे लेकर सरकार काफी हद तक सफल भी रही है. उम्मीद है कि आगे भी कई उग्रवादी संगठन सरकार से हाथ मिला सकती है.
कई सदस्यों ने वोटिंग लिस्ट में दर्ज कराया अपना नाम
सरकार का कहना है कि इन ग्रुप्स के तमाम सदस्यों ने वोटिंग लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया है, जिसे देखते हुए पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान की सुविधा दी जाएगी. चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन सभी लोगों को मतदान का अधिकार है. इन्हें कैंप्स से बाहर नहीं लाया जा सकता है. ऐसे में इनके लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. इसके जरिये ही ये सभी अपना मतदान करेंगे.