आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने किया नाराजगी का खंडन, बोले-योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करने की साजिश

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने किया नाराजगी का खंडन, बोले-योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करने की साजिश
  •  नितिन अग्रवाल ने सरकार ने अपनी नाराजगी का खण्डन किया है। मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि इन दिनों योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करने की साजिश हो रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग नाराज हैं वह उनकी व्यक्तिगत नाराजगी हो सकती है।

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार में जलशक्ति राज्यमंत्री मेरठ के हस्तिनापुर से भाजपा के विधायक दिनेश खटिक के केन्द्र सरकार में गृह मंत्री अमित शाह को अपना इस्तीफा देने के साथ सरकार में बात ना सुनी जाने की बात कहने के बीच में आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के भी नाराजगी की चर्चा ने जोर पकड़ा है। इसी बीच समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी में आने वाले नितिन अग्रवाल ने नाराजगी की बात को सिरे से खारिज कर दिया।

नितिन अग्रवाल ने सरकार ने अपनी नाराजगी का खण्डन किया है। मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि इन दिनों योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करने की साजिश हो रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग नाराज हैं वह उनकी व्यक्तिगत नाराजगी हो सकती है। प्रदेश सरकार में मंत्री विभाग का हेड होता है और यहां पर अधिकारी सरकार की नीतियों को लागू कराने के लिए होते हैं।

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कहा है कि कुछ समाचार पत्रों ने उन्हें भी असंतुष्ट खेमे में खड़ा कर दिया है, जबकि उनसे किसी से बात नहीं हुई। इन पत्रों में गलत तथा आधारहीन तरीके से उनका नाम लिखा गया है, उन्हें नोटिस भी भेजेंगे। आबकारी मंत्री ने कहा कि सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में कार्य कर रही है उन्हें जो लक्ष्य दिया गया है उसे पूरा कर रहे हैं, सरकार विकास कार्यों का रिकॉर्ड बना रही है

आबकारी मंत्री ने विधानभवन स्थित कक्ष में पत्रकारों से कहा कि सरकार की गाइडलाइन मुख्यमंत्री तय करते हैं, उसे जमीन पर उतारना मंत्रियों व अधिकारियों की जिम्मेदारी है। सभी मिलकर कार्य कर रहे हैं। इस सवाल पर कि अधिकारी सुनते नहीं अग्रवाल ने पलटकर सवाल किया कि कौन कहता है, यह सब प्रचारित किया जा रहा है। जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है। राज्यमंत्री दिनेश खटिक के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी जो पीड़ा है वह कह रहे हैं इस पर उन्हें कुछ नहीं कहना। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय फाइलों को मंत्री पढ़ें और उस पर उन्हें निर्णय लेना चाहिए।

 


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