आज भी रक्त का कोई धर्म, जाति या विकल्प नहीं: सन्त कमल किशोर

विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर किया रक्तदान शिविर का आयोजन, दो दिव्यांगों को दी व्हील चेयर
सहारनपुर। दिव्य शक्ति अखाड़ा और वर्ल्ड ओर्गेनाईजेशन ऑफ रिलीजन्स नौलेज के संयुक्त तत्त्वधान में आज आयस आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें 25 रक्तदाताओं ने स्वैच्छिक रक्तदान किया।
इस अवसर पर 2 दिव्यांगों को रोशनी आई बैंक के सूरज जैन द्वारा प्रदत्त व्हीलचेयर आचार्य महामंडलेश्वर सन्त कमल किशोर महाराज, डॉ असलम खान, अदील फारुक और सुरेश निझावन के कर कमलों द्वारा हूर जहाँ और सुनीता रानी को प्रदान की गई। रक्तदान शिविर में मुख्य अतिथि 156 बार के रक्तदाता दिव्य शक्ति अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर सन्त कमल किशोर महाराज ने रक्त की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रक्त ही एकमात्र ऐसी वस्तु है जिसका विकल्प आज तक विज्ञान नहीं ढूंढ पाया। आवश्यकता पड़ने पर इन्सान का रक्त ही इन्सान को चढ़ाया जाता है। रक्त जीवन का आधार है। अत: हमें इसे जात-पात, धर्म-सम्प्रदाय के नाम पर नित हो रही लड़ाइयों मे न बहाकर किसी की जान बचाने के लिए दान करना चाहिए।
रक्तदान से बढ़कर कोई भी दान या पुण्य का काम नहीं है। इसके लिए जनजागरण अभियान की आवश्यकता है। 67 वर्षीय सन्त कमल किशोर ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि रक्तदान से शरीर मे कोई दुर्बलता नाही आती अपितु नया रक्त बनने से शरीर कई रोगों से मुक्त हो जाता है। अत: इस भ्रांत धारणा को मन से हटाकर रक्तदान करना चाहिए। वर्क संस्था के सहारनपुर चैप्टर के अध्यक्ष अदील फारुक ने देश की एकता और अखंडता की बात करते हुए कहा कि रक्त की कोई जाति या धर्म नहीं होता। हिन्दू हो या मुसलमान, सिख हो या ईसाई, बौद्ध हो या जैन सभी के खून का रंग लाल होता है और आवश्यकता पड़ने पर धर्म जाति कोई नहीं पूछता।
भारतवर्ष को विश्व गुरु बनाना है तो आपसी सद्भाव की जरुरत है। रक्तदाताओं मे अन्तरप्रीत कौर, सचिन, नदीम अहमद, मोहम्मद नौशाद, सत्यम, अदील फारुक, विवेक जाधव, काशीफ हुसैन, आबिद हसन, शफत अजीम, मोहम्मद जावेद, सुधीर, सूफियान, दीपक कश्यप, दयानन्द वर्मा, मनीष जैन, मोहम्मद आलम, मेहताब अहमद, असद, राहिल मोहम्मद ताहिद ने स्वेच्छा से रक्तदान किया। शिविर में अखाड़े के राष्ट्रीय संयोजक सुरेश निझावन ने व्यवस्था बनाने मे मुख्य भूमिका का निर्वहन किया।