अभी तो कुछ किया भी नहीं, पाकिस्तान घबरा गया: सिंधु जल संधि पर प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा बयान

गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सिंधु जल संधि को लेकर बड़ा बयान देते हुए 1960 में हुई इस ऐतिहासिक संधि को भारत के साथ “अत्यंत अन्यायपूर्ण” बताया। उन्होंने कहा कि इस संधि की शर्तें भारत के हितों के विरुद्ध तय की गई थीं, और अब जब भारत ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल शुरू भी नहीं किया है, तो पाकिस्तान पहले ही घबरा गया है।
यह टिप्पणी गुजरात शहरी विकास मिशन की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक समारोह के दौरान की गई। प्रधानमंत्री ने कहा,
“मैं नई पीढ़ी को बताना चाहता हूं कि कैसे हमारे देश के साथ गलत हुआ। अगर आप सिंधु जल संधि का अध्ययन करेंगे, तो चौंक जाएंगे। इसमें लिखा गया है कि जम्मू-कश्मीर की नदियों पर बने बांधों की सफाई नहीं की जाएगी, गाद नहीं निकाली जाएगी। ऐसी शर्तें हमारे देश के खिलाफ हैं।”
“जल के मुद्दे पर भारत अब समझौता नहीं करेगा”
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ किया कि देश अब अपनी जल सम्पदा और अधिकारों को लेकर अधिक सजग और सक्रिय है। उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि को लेकर भारत का रुख अब बदल चुका है और इसकी वजह से पाकिस्तान बेचैन हो उठा है।
“हमने तो अभी कुछ किया ही नहीं, और पाकिस्तान को पसीना आने लगा है।”
पारंपरिक नीतियों पर उठाए सवाल
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि बीते दशकों में सरकारों ने कुछ ऐसे अंतरराष्ट्रीय समझौते किए, जो भारत के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखकर नहीं किए गए।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अब इन मामलों में नवीन दृष्टिकोण और राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए फैसले ले रही है।