UNSC में भी चली रूस की दादागीरि, भारत रहा ‘निंदा वोटिंग’ से दूर

UNSC में भी चली रूस की दादागीरि, भारत रहा ‘निंदा वोटिंग’ से दूर
  • भारत के लिए आज बड़ी चुनौती थी. उसे अपने परंपरागत दोस्त रूस और रणनीतिक साझेदार अमेरिका में से किसी एक का चयन करना था. ऐसे में रूस के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से परहेज कर भारत ने फिलहाल दोनों हितों को साधने की कोशिश की.

संयुक्त राष्ट्र: अमेरिका (America) समेत नाटो देशों की चेतावनियों को धता बताते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का यूक्रेन एडवेंचर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भी धमक के साथ गूंजा. यूक्रेन पर हमले के लिए लाए गए निंदा और यूक्रेन (Ukraine) से तुरंत बगैर शर्त रूसी सेना की वापसी का प्रस्ताव रूस ने अपनी वीटो पॉवर से गिरा दिया. इस प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत समेत चीन औऱ यूएई ने दूरी बनाए रखी. हालांकि संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti)ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा कर किसी भी तरह की हिंसा का विरोध करते हुए बातचीत से मसले को अविलंब सुलझाने का आह्वान किया. गौरतलब है कि विगत एक सप्ताह में यूएनएससी की यह तीसरी बैठक थी.

भारत के लिए कड़ी चुनौती थी यूएनएससी में
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के लिए आज बड़ी चुनौती थी. उसे अपने परंपरागत दोस्त रूस और रणनीतिक साझेदार अमेरिका में से किसी एक का चयन करना था. ऐसे में रूस के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से परहेज कर भारत ने फिलहाल दोनों हितों को साधने की कोशिश की. गौरतलब है कि यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई को लेकर असहमति वाले प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थानीय समयानुसार शुक्रवार और भारतीय समयानुसार शनिवार सुबह तड़के वोटिंग की गई. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका और अल्बानिया ने रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया था.

प्रस्ताव का इस तरह था मसौदा
इस प्रस्ताव में रूसी आक्रामकता, हमला और यूक्रेनी संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा शामिल रही. इसके अलावा प्रस्ताव में यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई. साथ ही रूसी हमले को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का उल्लंघन बताया गया. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि रूस पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्सक और लुहांस्क को अलग मान्यता देने के फैसले को भी तुरंत पलटे. इस प्रस्ताव को रूस ने अपने इंकार से गिरा दिया. गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य होने के नाते रूस के पास वीटो पॉवर है. हालांकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों में से 11 ने यूक्रेन में रूस की कार्रवाई की निंदा वाले प्रस्ताव पर वोट डाला, जबकि भारत, चीन और यूएई ने इससे दूरी बनाई.

भारत ने वोटिंग से परहेज का बताया यह कारण
हालांकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, ‘सभी सदस्य देशों को रचनात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए सिद्धांतों का सम्मान करने की जरूरत है. मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. हालांकि इस समय वह कठिन लग सकता है. यह खेद की बात है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया गया. हमें उस पर लौटना होगा. इन सभी कारणों से भारत ने इस प्रस्ताव पर परहेज करने का विकल्प चुना है. यूक्रेन में हाल ही में हुए घटनाक्रम से भारत बेहद परेशान है. हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के सभी प्रयास किए जाएं. नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के लिए अभी तक कोई भी समाधान नहीं निकाला गया है.’