राममंदिर के डिजाइन और मॉडल को सहमति के बाद इंजीनियर देंगे अंतिम रूप
भव्य राम मंदिर निर्माण के साथ अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को पंख लगने जा रहे हैं। यहां से सनातन परंपरा के साथ पल्लवित पुष्पित बौद्ध, जैन, इस्लाम, सिख आदि से जुड़े स्थलों का विकास करके विश्व की सर्वोत्तम पर्यटन नगरी बनाने की योजना है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में लगातार पांच साल तक प्रमुख सचिव रहे सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र ने यहां बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री की इस इच्छा के मुताबिक तैयारी के लिए आला अधिकारियों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों को अवगत कराया।
सर्किट हाउस के बंद कमरे में सवा घंटे तक चली बैठक के दौरान राममंदिर निर्माण की कमान संभाल रहे नृपेंद्र मिश्रा ने स्पष्ट किया कि मंदिर के डिजाइन और मॉडल को लेकर एक राय बननी चाहिए, तभी इंजीनियरिंग टीम इसे फाइनल रूप दे पाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन में आ सकते हैं, ट्रस्ट 18 जुलाई की बैठक में संभावित तिथि तय करके आग्रह पत्र भेजे। सूत्रों के अनुसार यह तिथि रक्षाबंधन या पूर्णिमा यानी तीन या पांच अगस्त हो सकती है।
मिश्र ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री राम मंदिर के साथ 70 एकड़ परिसर के विकास की योजना भी देखेंगे। लेकिन सबसे जरूरी उनका संदेश यह है कि अयोध्या सर्वधर्म समभाव की विश्व की सबसे बड़ी और प्राचीन नगरी के रूप में विश्व भर में ख्याति प्राप्त करे।
संस्कृत मंत्रालय ने तैयार की है रिपोर्ट
अयोध्या के सांस्कृतिक विकास की योजना बनाकर प्रधानमंत्री के समक्ष रखने के लिए संस्कृति मंत्रालय की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट पर चर्चा हुई। इसमें अयोध्या की पवित्र भूमि का महत्व विश्व के 120 देशों में सामने आया है। खासकर मुस्लिम देश इंडोनेशिया के लोग भगवान राम को अपना पूर्वज मानते हैं, जबकि कोरिया गणराज्य की रानी हो अयोध्या की राजकुमारी थीं, इन्हें नमन करने कोरिया से साल में दो बार मंत्री समूह और दूतावास समेत राज परिवार के लोग आते जाते हैं।
मुसलमान यहां पैगंबर शीश, हजरत नूह व शीर्ष सूफी संतों की सैकड़ों मजारें होने को खुर्द मक्का मानते हैं। जबकि जैन धर्म के सभी 24 तीर्थंकर भगवान राम के वंशज हैं आदिनाथ ऋषभ देव समेत पांच तीर्थंकरों की जन्मस्थली होने का अयोध्या को गौरव प्राप्त है। सिख समुदाय के पहले गुरु नानकदेव, 9वें गुरु तेग बहादुर और 10वें गुरु गोविंद सिंह ने यहां गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में ध्यान किया था। पौराणिक कथा के मुताबिक इसी जगह भगवान ब्रह्मा ने 5000 वर्ष तक तपस्या की थी। बौद्ध धर्मावलंबी कौशल जिले के इस साकेत नगरी को बड़ा केंद्र मानते हैं।
विस्तारीकरण के साथ रोड और हवाई कनेक्टिविटी होगी विश्वस्तरीय
नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा है कि अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को भव्यता देते हुए यहां रोड और हवाई कनेक्टिविटी विश्व स्तर की होगी। अयोध्या का विस्तारीकरण भव्य होगा, अब इसके लिए नियोजित प्लान बनाना होगा। सूत्रों के अनुसार बैठक में विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हर स्तर की प्लानिंग का सुझाव भी नृपेंद्र मिश्र ने दिया। इसके लिए कॉरपोरेट घरानों की सहभागिता पर भी चर्चा हुई।
अयोध्या के विस्तारीकरण की जानकारी देते हुए कहा गया कि अयोध्या विकास प्राधिकरण का दायरा काफी बढ़ा दिया गया है। इसमें अब अयोध्या नगर निगम के साथ जिले की भदरसा नगर पंचायत और 155 गांव शामिल कर लिए गये हैं जबकि गोंडा के नवाबगंज नगर पालिका क्षेत्र समेत 60 गांव भी शामिल कर लिए गये हैं।
इसके साथ ही अयोध्या से सटे बस्ती जिले के 90 गांव भी अयोध्या के समग्र विकास के साथ जुड़ गये हैं। यहां अमृत योजना के तहत जियोलॉजिकल सर्वे चल रहा है। होटल-रिसोर्ट के साथ सभी पौराणिक स्थल और भवन विकसित किए जाने की योजना है। फैजाबाद हवाई अड्डा को विश्वस्तरीय श्री राम एयरपोर्ट बनाने के लिए भूमि का अधिग्रहण अंतिम दौर में है।
अयोध्या से वाराणसी, सुल्तानपुर, रायबरेली, प्रयागराज के लिए फोर लेन सड़कों की योजना बनी है। गुप्तारघाट से सरयू पुल और सरयू पुल से गोंडा व बस्ती हाईवे पुल तक विशेष व्यवस्था होनी है। अयोध्या व फैजाबाद के संपर्क मार्गों को फोरलेन करके चौड़ीकरण किया जाना है, जहां लोगों के व्यवसायिक भवन और मकान ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है, वहां एलिवेटेड रोड का प्लान बनाया गया है। पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग का चौड़ीकरण होना है, साथ ही यात्री सुविधाएं विकसित होनी है। मिश्र ने इन सभी योजनाओं का खाका तैयार करने के लिए कहा।
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कि 18 को प्रस्तावित बैठक को लेकर नृपेंद्र मिश्र ने चर्चा की। श्री राम जन्मभूमि परिसर के समतलीकरण से लेकर अब तक की हुई तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री के आने पर राममंदिर के साथ अयोध्या के समग्र विकास की कई योजना सामने आएगी।
अयोध्या के चारों तरफ फोर लेन सड़कों का जाल बिछाया जाना है आबादी इलाकों में जहां दिक्कत होगी वहां एलिवेटेड रोड बनेगी। नृपेंद्र मिश्रा राममंदिर निर्माण से लेकर सांस्कृतिक विकास तक की योजनाओं को यहां रुक कर गति प्रदान करेंगे।