शत्रु संपत्ति प्रकरण: गृह मंत्रालय ने एक सप्ताह में मांगी थी रिपोर्ट, इस बिंदु पर शुरू नहीं हुई जांच

शत्रु संपत्ति प्रकरण: गृह मंत्रालय ने एक सप्ताह में मांगी थी रिपोर्ट, इस बिंदु पर शुरू नहीं हुई जांच

मुजफ्फरनगर में भोपा रोड पर स्थित शत्रु संपत्ति के मामले में गृह मंत्रालय को एक महीना बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं भिजवाई गई है। जबकि गृह मंत्रालय ने एक सप्ताह में रिपोर्ट भेजने को कहा था। मामले में एलआईयू, पालिका और तहसील से जिला प्रशासन ने रिपोर्ट मांगी थी। जमीन पर जिन लोगों का कब्जा है, उनके पास जमीन कैसे आई, इस बिन्दु की जांच शुरू भी नहीं हो सकी है।

भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सहायक शत्रु संपत्ति अभिरक्षक पीसी फियालो ने जिला प्रशासन को पहला पत्र 16 फरवरी 2018 को लिखा, लेकिन पटल पर पत्र नहीं पहुंचा और रास्ते में ही गायब हो गया।

इसके बाद दूसरा पत्र एक अगस्त 2019 को जारी हुआ, जिसमें भोपा रोड की एक हजार करोड़ की 570 बीघा संपत्ति के विक्रय पर रोक लगाई गई। यह पत्र डीएम ऑफिस से गायब हो गया। इन पत्रों का रिमाइंडर अक्तूबर माह के दूसरे सप्ताह में आया। इसके बाद डीएम ने शत्रु संपत्ति पटल का कार्य एडीएम वित्त को दे दिया। एडीएम वित्त ने सभी छह बिंदुओं पर जांच के लिए तहसील, पालिका और एलआईयू को पत्र जारी किए। प्रशासन के कुछ अधिकारी जांच को भ्रमित करने में भी लगे हैं। शत्रु संपत्ति अभिरक्षक ने जो बिंदु दिया है, उसमें यह भी पूछा है कि जिन लोगों का कब्जा है, उनके पास जमीन कैसे आई, इसका विवरण दें। इस बिंदु पर अभी तक जांच शुरू भी नहीं हुई है।