पुण्यतिथि पर किया स्वामी कल्याणदेव का भावपूर्ण स्मरण

- सहारनपुर में हवन-यज्ञ का दृश्य।
सहारनपुर [24CN]। तीन सदी के दृष्टा शिक्षा ऋषि व पदम विभूषण स्वामी कल्याण देव की 17वीं पुण्यतिथि पर विभिन्न संगठनों ने उनका भावपूर्ण स्मरण किया तथा स्वामी कल्याण देव के आदर्शों व शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए समाज में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने का संकल्प लिया। विश्वकर्मा शोध संस्थान के कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में पदाधिकारियों ने स्वामी कल्याण देव के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समाजसेवी व पूर्व प्रधानाचार्य राजेंद्र धीमान ने कहा कि स्वामी कल्याणदेव शिक्षा के हिमायती थे। उनका मानना था कि शिक्षा के बल पर ही देश व समाज का विकास संभव है। इसलिए उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा के प्रचार-प्रसार में लगाया तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगभग 350 शिक्षण संस्थाओं की स्थापना करने के साथ ही शुक्रताल तीर्थ का जीर्णोद्धार कराने का काम किया था। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षा का प्रचार-प्रसार करना ही स्वामी कल्याणदेव को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
विश्वकर्मा शोध संस्थान के संस्थापक व वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सोहल ने कहा कि स्वामी जी को तीन सदी देखने का सौभाग्य मिला है जो बिरले लोगों को ही मिलता है। उन्होंने कहा कि स्वामी कल्याणदेव वीतराग संत थे जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश व समाज के सुधार में लगा दी थी। कार्यक्रम में समाजसेवी रमेश धीमान, डा. अनुज कुमार, राहुल धीमान, हिमांशु धीमान, आदेश तिरपड़ी, सुरेंद्र धीमान, आशीष, कृष्णा, मोहित धीमान सहित भारी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे। उधर विश्वकर्मा धीमान कल्याण महासभा के कार्यकर्ताओं द्वारा भी स्वामी कल्याणदेव की पुण्यतिथि पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। इस दौरान महासभा के अध्यक्ष प्रकाश चंद धीमान, डा. के. पी. सिंह धीमान, डा. प्रमोद धीमान, लीलाधर धीमान, बोधराम धीमान एडवोकेट, संदीप विश्वकर्मा राहुल सिंघानिया, विनोद आर्य, संजय सलेमपुर आदि मौजूद रहे।