सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग का हलफनामा, कहा- जल्द शुरू होगी पूरे देश में SIR कराने की प्रक्रिया

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट में SIR पर सुनवाई से पहले चुनाव आयोग ने अदालत में हलफनामा दिया है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करके कहा कि बिहार के बाद पूरे देश में SIR जल्द शुरू होगा।
देश भर में SIR कराने के लिए चुनाव आयोग के पास संवैधानिक अधिकार है। मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।
सिर्फ भारत के नागरिक ही कर सकते हैं वोट
सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में चुनाव आयोग ने कहा कि बिहार हो या बाकी का पूरा देश…आधार कार्ड सिर्फ पहचान का प्रमाण है। यह नागरिकता का नहीं प्रमाण पत्र नहीं हो सकता। सिर्फ देश के नागरिकों को ही वोट देने का अधिकार है।
बिहार की अंतिम मतदाता सूची से हटाए गए 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण दें
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग से कहा कि वह बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के बाद तैयार अंतिम मतदाता सूची से बाहर किये गए 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण उसे उपलब्ध कराए। निर्वाचन आयोग ने न्यायालय को सूचित किया कि 30 अगस्त को मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशित होने के बाद जोड़े गए ज्यादातर नाम नए मतदाताओं के हैं और अब तक सूची से बाहर किये गए किसी भी मतदाता ने कोई शिकायत या अपील दायर नहीं की है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने यह निर्देश तब पारित किया, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) जैसे विपक्षी दलों के नेताओं सहित कुछ याचिकाकर्ताओं ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने अंतिम सूची से मतदाताओं को हटाए जाने को लेकर कोई नोटिस या कारण नहीं बताया है। पीठ चुनावी राज्य बिहार में एसआईआर कराने के निर्वाचन आयोग के 24 जून के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। उसने कहा कि निर्वाचन आयोग बाहर रखे गए मतदाताओं के बारे में उपलब्ध सभी जानकारी बृहस्पतिवार (9 अक्टूबर) तक अदालत के रिकॉर्ड पर लाये, जब वह एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगे की सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी के पास मतदाता सूची का मसौदा है और अंतिम सूची भी 30 सितंबर को प्रकाशित हो चुकी है, इसलिए तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से आवश्यक आंकड़े प्रस्तुत किए जा सकते हैं।